ईरान: चीन की घेराबंदी करने तेहरान पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, आज ईरानी समकक्ष ब्रिगेडियर जनरल अमीर हातमी से होगी मुलाकात

ईरान: चीन की घेराबंदी करने तेहरान पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, आज ईरानी समकक्ष ब्रिगेडियर जनरल अमीर हातमी से होगी मुलाकात

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-05 21:35 GMT
ईरान: चीन की घेराबंदी करने तेहरान पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, आज ईरानी समकक्ष ब्रिगेडियर जनरल अमीर हातमी से होगी मुलाकात
हाईलाइट
  • एलएसी का कड़ाई से सम्मान करे और यथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिश न करे
  • भारत-चीन शांति बनाए रखने पर हुए राजी
  • लेकिन चुशूल में नहीं रुक रहीं पीएलए की हरकतें

डिजिटल डेस्क, तेहरान। भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रूस के तीन दिवसीय दौरे के बाद शनिवार को मॉस्को से सीधे ईरान की राजधानी तेहरान पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि रक्षामंत्री यहां अपने ईरानी समकक्ष ब्रिगेडियर जनरल अमीर हातमी के साथ बैठक करेंगे। इस बात की जानकारी रक्षामंत्री कार्यालय ने दी। इससे पहले राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने के लिए रूस के तीन दिवसीय दौरे पर थे। सूत्रों के अनुसार रक्षा मंत्री यहां कूटनीतिक रूप से चीन की घेराबंदी करने के लिए पहुंचे हैं।

राजनाथ सिंह का ईरान दौरा इस वजह से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि एक दिन पहले ही भारत ने फारस की खाड़ी में बनी स्थिति पर चिंता जताई है। भारत ने क्षेत्र के देशों से आपसी सम्मान पर आधारित वार्ता के जरिए अपने मतभेद सुलझाने का आह्वान किया। फारस की खाड़ी में ईरान, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से जुड़ी कई घटनाओं के कारण क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है।

फारस की खाड़ी की स्थिति पर जताई थी चिंता
SCO के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने शुक्रवार को कहा कि फारस की खाड़ी की स्थिति पर भारत काफी चिंतित है। राजनाथ सिंह ने क्षेत्र के देशों को आपसी सम्मान पर आधारित वार्ता के जरिए मतभेद सुलझाने का आह्वान किया। पिछले महीने ईरान की नौसेना ने होरमुज जलसंधि के पास एक तेल टैंकर को जब्त कर लिया था। इस पर लाइबेरिया का ध्वज लगा हुआ था। अमेरिका इसे अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र कहता है। ईरान ने इस क्षेत्र में तेल टैंकरों की आवाजाही रोकने की धमकी दी थी।

दुश्मन की नजर में आए बिना सेना कर सकेगी मूवमेंट
चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारत ने एक और सफलता हासिल कर ली है। चीन की बार-बार की धमकी के बीच भारत ने दारचा और लेह को जोड़ने वाले हाइवे का काम बहुत जल्दी पूरा कर लिया है। इस रास्ते से सैनिकों के लिए रसद और हथियार पहुंचाने में काफी आसानी होगी। इस हाइवे से करगिल क्षेत्र में भी पहुंच आसान हो जाएगी।ये मार्ग रणनीतिक तौर पर काफी अहम है। इस सड़क पर सैनिकों की मूवमेंट को ट्रेस कर पाना पड़ोसी देशों के लिए नामुमकिन की हद तक मुश्किल होगा।

12 महीने खुला रहेगा मार्ग
इस सड़क का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि ये सड़क लगभग पूरे वर्ष खुला रह सकता है। दो अन्य सड़कें केवल 6-7 महीनों के लिए खुली रहती थीं और आमतौर पर नवंबर से छह महीने की अवधि के लिए बंद रहती थीं। बीआरओ इंजीनियरों ने कहा कि यह सड़क अब प्रयोग में आने वाली है और कई टन वजन वाले भारी वाहनों के लिए तैयार है।

युद्ध हुआ तो हार जाएगा भारत...चीनी सरकारी मीडिया की गीदड़भभकी
लद्दाख में सीमा विवाद के बीच चीन अपनी दोहरी चाल से बाज नहीं आ रहा है। एक तरफ जहां चीनी सरकार शांति का दिखावा कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ वहां की सरकारी मीडिया जंग को लेकर उकसावे वाले बयान देने से बाज नहीं आ रही। शनिवार को चीनी सरकार का भोपू मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने भारत को खुलेआम धमकी देते हुए कहा कि सीमा युद्ध की स्थिति में भारत के पास जीतने का कोई मौका नहीं होगा।

सैन्य ताकत को लेकर भारत को धमकाया
ग्लोबल टाइम्स ने शनिवार को संपादकीय में कहा कि हम भारतीय पक्ष को याद दिला रहे हैं कि चीन की राष्ट्रीय ताकत, जिसमें उसकी सैन्य ताकत भी शामिल है, भारत की तुलना में अधिक मजबूत है। हालांकि, चीन और भारत दोनों महान शक्तियां हैं, मगर जब युद्धक क्षमता की बात आती है, तो भारतीय पक्ष हार जाएगा। यदि एक सीमा युद्ध शुरू होता है, तो भारत के पास जीतने का कोई मौका नहीं होगा।
 

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