ट्रूडो ने इंडिया पर लगाया इमेज खराब करने का आरोप, भारत का इनकार

ट्रूडो ने इंडिया पर लगाया इमेज खराब करने का आरोप, भारत का इनकार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-28 14:59 GMT
ट्रूडो ने इंडिया पर लगाया इमेज खराब करने का आरोप, भारत का इनकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो भारत यात्रा के बाद वापस अपने वतन लौट गए है। देश पहुंचकर ट्रूडो ने इंडिया पर उनकी इमेज खराब करने का आरोप लगाया है। हालांकि भारत ने इन आरोपों का खंडन करते हुए साफ कह दिया है, जसपाल की मौजूदगी के पीछे हमारा हाथ नहीं है। दरअसल ट्रूडो के दौरे के दौरान कनाडाई हाई कमिश्नर ने नई दिल्ली में एक स्पेशल डिनर रखा था। इस डिनर में खालिस्तान सपोर्टर जसपाल अटवाल को भी इनवाइट किया गया था। हालांकि बाद में इस इन्विटेशन को कैंसिल कर दिया गया था, लेकिन तब से शुरु हुआ ये विवाद अब तक थमा नहीं है।

ट्रूडो ने किया समर्थन
इसी को लेकर कनाडा में पीएम ट्रूडो के दफ्तर ने मीडिया के लिए प्रेस बीफिंग का आयोजन किया था। इस प्रेस ब्रीफिंग में कनाडाई सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अटवाल की मौजूदगी के पीछे भारत के सुरक्षा एजेंसियों का हाथ था जो कि नहीं चाहते थे कि पीएम मोदी के साथ ट्रूडो सरकार के गहरे रिश्ते दिखे। इसलिए कनाडाई सरकार की छवि खराब करने के लिए यह सब किया गया। कनाडाई संसद में जब ट्रूडो से इस पर विपक्षी सांसदों ने सवाल किया तो, उन्होंने अधिकारी के बयान का समर्थन कहते हुए कहा, जब हमारी सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ऐसा कुछ कहते हैं तो वह जानते हैं कि सच बोल रहे हैं।

भारत की आपत्ति
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ""हमने जसपाल अटवाल को कनाडा के प्रधानमंत्री के सम्मान में रखे गए भोज समेत दो कार्यक्रमों में आमंत्रित करने के विषय पर कनाडा की संसद में चर्चा को देखा है। उन्होंने कहा, ""हम पूरी तरह से स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि सुरक्षा एजेंसियों समेत भारत सरकार का मुम्बई में कनाडा उच्चायोग की ओर से आयोजित समारोह में जसपाल अटवाल की मौजूदगी या नयी दिल्ली में आयोजित भोज में उसे आमंत्रित करने से कोई लेना देना नहीं है। कुमार ने कहा, ""इस बारे में कोई भी अटकल आधारहीन और अस्वीकार्य है।

कौन है जसपाल अटवाल? 
जसपाल अटवाल खालिस्तान का सपोर्टर रहा है और वो बैन किए गए इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन में भी काम कर चुका है। जसपाल पर 1986 में वैंकूवर आइलैंड में भारतीय मंत्री मलकीत सिंह सिद्धू पर जानलेवा हमला करने का आरोप है और इसमें वो दोषी भी करार दिया जा चुका है। वैंकूवर में 4 लोगों ने सिद्धू की कार पर हमला किया था और जसपाल उन 4 लोगों में शामिल था। इसके साथ ही जसपाल को 1985 को ऑटोमोबाइल फ्रॉड केस में भी दोषी पाया गया था। इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन को कनाडा सरकार ने 1980 में एक आतंकवादी संगठन मानते हुए इसपर बैन लगा दिया था।

ट्रूडो भी है खालिस्तान सपोर्टर? 
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर भी खालिस्तान सपोर्टर होने के आरोप लगते रहे हैं। भारत में कनाडाई पीएम को नजरअंदाज करने के पीछे इसे भी एक वजह माना जा रहा है। मौजूदा कनाडाई पीएम के भारत दौरे पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी खालिस्तानी सपोर्टरों के प्रति नरमी रखने के आरोप लगाते हुए उनसे मिलने से इनकार कर दिया था। हालांकि बाद में बुधवार (21 फरवरी) को अमरिंदर ने ट्रूडो के साथ एक होटल में 40 मिनट तक बात की थी। बताया जा रहा है कि इस मीटिंग में अमरिंदर सिंह ने ट्रूडो को 9 खालिस्तानी आतंकियों की लिस्ट सौंपकर उन पर कार्रवाई करने की मांग की है।   

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