तो क्या इजराइल की साइबर कंपनी की मदद से की गई थी खशोगी की हत्या?

तो क्या इजराइल की साइबर कंपनी की मदद से की गई थी खशोगी की हत्या?

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-03 18:09 GMT
तो क्या इजराइल की साइबर कंपनी की मदद से की गई थी खशोगी की हत्या?
हाईलाइट
  • खशोगी के दोस्त ने इसे लेकर तेल अवीव की कोर्ट में केस भी दायर किया है।
  • जमाल खशोगी के एक दोस्त का दावा है कि खशोगी की हत्या में इजरायल की कंपनी (NSO) के उपकरण की मदद ली गई है।
  • वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या का इजरायल कनेक्शन सामने आया है।

डिजिटल डेस्क, तेल अवीव। सऊदी मूल के वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या का इजरायल कनेक्शन सामने आया है। दरअसल, जमाल खशोगी के एक दोस्त उमर अब्दुल अजीज का दावा है कि उनकी हत्या में इजरायल की साइबर कंपनी (NSO) के उपकरण की मदद ली गई है। अजीज ने कहा कि इस कंपनी के सॉफ्टवेयर की मदद से उनके फोन को हैक किया गया जिसके बाद खशोगी और उनके बीच की बातें सुनी गई। खशोगी के दोस्त ने इसे लेकर तेल अवीव में कोर्ट केस भी दायर किया है।

उमर अब्दुल अजीज ने कोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि साइबर सिक्योरिटी फर्म ने इंटरनेशनल लॉ का उल्लंघन किया है। वहीं न्यूज रिपोर्ट के हवाले से दावा किया गया है कि NSO ग्रुप ने सऊदी अरब को 5.5 करोड़ डॉलर में 2017 में यह टेक्नोलॉजी बेची थी। अब्दुल अजीज कंपनी से क्षति पूर्ति के रूप में 1.6 लाख डॉलर की मांग कर रहे हैं। अब्दुल अजीज ने कहा, "खशोगी की हत्या में मेरे फोन के हैक होने की एक बड़ी भूमिका है।" बताया जाता है कि खशोगी की हत्या से पहले दोनों के बीच करीब 400 वॉट्सएप मैसेज के जरिए बातचीत हुई।

NSO ने उन पर लगे आरोपों का जवाब देते हुए इसे आधारहीन बताया है। NSO की तरफ से कहा गया, कि ऐसा कोई भी सबूत मौजूद नहीं है जो यह साबित कर सके कि कंपनी की टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग किया गया है। NSO ने कहा, जो आरोप लगाए गए हैं वो सच्चाई पर आधारित नहीं है। कंपनी की तरफ से कहा गया, "हम अपने प्रॉडक्ट के गलत इस्तेमाल को बर्दाश्त नहीं करते। अगर गलत इस्तेमाल का कोई संदेह पैदा होता है, हम जांच करते हैं और उचित कार्रवाई करते हैं। इसमें कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर देना भी शामिल है।" कंपनी की टेक्नोलॉजी सरकारों और सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवाद और अपराध से लड़ने में मदद करती है। 

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