PAK सरकार हाफिज सईद को न करे परेशान - लाहौर HC

PAK सरकार हाफिज सईद को न करे परेशान - लाहौर HC

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-05 16:02 GMT
PAK सरकार हाफिज सईद को न करे परेशान - लाहौर HC

डिजिटल डेस्क, लाहौर। आतंक के आका हाफिज सईद को पाकिस्तान "समाजसेवी" मानता है। दरअसल लाहौर हाईकोर्ट ने पाकिस्तान सरकार को एक आदेश जारी किया है। इसमे कहा गया है कि हाफिज सईद को सामाजिक कल्याण से जुड़े कार्य करने दिए जाएं। उसे सरकार परेशान न करे। बता दें कि भारत और अमेरिका पहले से ही हाफिज सईद को आतंकी मानता है। हाल ही में यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) की ओर से जारी आतंकियों की लिस्ट में भी हाफिज सईद का नाम है। इन सब के बाद भी लाहौर हाईकोर्ट ने इस तरह का आदेश दिया है जो बेहद चौंकाने वाला है।

ये कहा लाहौर हाईकोर्ट ने
पाकिस्तान के अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक मंगलवार को लाहौर हाई कोर्ट ने अपने एक ऑर्डर में कहा, "अगले आदेश तक किसी तरह से परेशान करने वाली पॉलिसी न अपनाई जाए। कोर्ट का यह आदेश उसी दिन आया जब अमेरिका ने इस आतंकवादी के राजनीतिक संगठन मिल्ली मुस्लिम लीग को प्रतिबंधित करने का ऐलान किया था। संगठन जमात-उल-दावा के चीफ हाफिज सईद ने कोर्ट में दाखिल अपनी अर्जी में पाकिस्तान सरकार पर आरोप लगाया था कि वह भारत और अमेरिका के दबाव में आकर उसके कार्यो में रुकावट डाल रही है। सईद ने अदालत में दाखिल अपनी अर्जी में कहा कि उसके संगठन और पार्टी के सामाजिक कार्य को रोकना संविधान के खिलाफ है। न्यायाधीश दीन खान ने इस मामले की सुनवाई करते हुए पाकिस्तान और प्रांतीय सरकार को अपना जवाब 23 अप्रैल तक जमा करने को कहा है।

हाफिज सईद ने बताया था कार्रवाई को अवैध
गौरतलब है कि आतंकी हाफिज सईद के मदरसों और स्वास्थ्य शिविरों पर पाकिस्तान सरकार ने कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई के खिलाफ हाफिज सईद ने कोर्ट में जाने की बात कही थी। हाफिज सईद का कहना था कि सरकार ने उसके खिलाफ अवैध तरीके से कार्रवाई की है। "बिना किसी कानूनी आधार के मुझे 10 महीने तक हिरासत में रखने के बाद, सरकार अब हमारे स्कूलों, डिस्पेंसरी, ऐंबुलेंस और अन्य संपत्तियों को नियंत्रण में लेने का काम कर रही है। इससे पंजाब, बलूचिस्तान, सिंध, कश्मीर (PoK) और उत्तरी भागों में चलने वाले हमारे राहत अभियानों पर असर पड़ेगा।" यहां हम आपको ये भी बता दें कि हाफिज सईद पाकिस्तान में जमात-उद-दावा (JUD) और फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन (FIF) चलता है। इसके जरिए वह समाजसेवा का काम करने का दावा करता है।

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