चोंग नानशान और एंथोनी फौची का बड़ा योगदान लेकिन स्थिति अलग

चोंग नानशान और एंथोनी फौची का बड़ा योगदान लेकिन स्थिति अलग

IANS News
Update: 2020-08-15 13:30 GMT
चोंग नानशान और एंथोनी फौची का बड़ा योगदान लेकिन स्थिति अलग

बीजिंग,15 अगस्त (आईएएनएस)। कोविड-19 महामारी के खिलाफ मुकाबले में तमाम योद्धा सामने आए। चीन के क्वांगचो चिकित्सा विश्वविद्यालय के अधीनस्थ अस्पताल के राष्ट्रीय श्वसन रोग नैदानिक चिकित्सा अनुसंधान केंद्र के प्रमुख चोंग नानशान ने महामारी फैलने के बाद साहस के साथ उपचार किया और व्यक्ति से व्यक्ति संक्रमित होने का विचार पेश किया। उन्होंने उपचार योजना तय की और महामारी की रोकथाम, गंभीर मरीजों के बचाव और वैज्ञानिक अनुसंधान में असाधारण योगदान दिया। इसके चलते उन्हें राष्ट्रीय पदक से सम्मानित किया गया, जो चीन का सर्वोच्च सम्मान है।

चोंग नानशान आदि हीरो को बधाई देते समय बहुत नेटिजनों को एंथोनी फौची का खयाल आया, जो अमेरिका में महामारी की रोकथाम में संलग्न हैं। महामारी फैलने के बाद वरिष्ठ महामारी विशेषज्ञ एंथोनी फौची ने अमेरिका में महामारी की रोकथाम में नेतृत्वकारी भूमिका निभाई। उन्होंने खुलकर बातचीत की और कई बार राष्ट्रपति ट्रंप की गलती को इंगित किया, जिसकी वजह से बहुत से नेटीजन फौची का समर्थन करते हैं। अमेरिकी लोगों में फौची की प्रतिष्ठा काफी ऊंची है।

हालांकि फौची को वैज्ञानिकों और नागरिकों का समर्थन मिला, लेकिन ट्रंप समेत कुछ अमेरिकी राजनीतिज्ञ उनकी आलोचना करते हैं और उन्हें बाहर धकेल देते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि फौची धोखेबाज हैं।

यहां तक कि फौची और उनके परिजनों को मौत की धमकी भी मिली। उन्हें अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंगरक्षक रखना पड़ा। फौची ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि कोई व्यक्ति सही स्वास्थ्य सिद्धांत का ²ढ़ विरोध करता है और वैज्ञानिक ज्ञान को पसंद नहीं करता।

चोंग नानशान और एंथोनी फौची की तुलना करें, तो हम स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कौन-सा देश वैज्ञानिकों का सम्मान करता है और कौन-सा देश बुद्धि का विरोध करता है। शायद यही कारण है कि अमेरिका अब तक महामारी के खिलाफ लड़ाई में विजय हासिल नहीं कर सका। इसलिए हर देश को महामारी की रोकथाम में प्रयास करने वाले वैज्ञानिकों का सम्मान करना चाहिए।

(साभार-चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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