घर में मुस्लिमों को प्रताड़ित कर, UN में आतंकियों को बचाता है चीन: US

घर में मुस्लिमों को प्रताड़ित कर, UN में आतंकियों को बचाता है चीन: US

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-28 08:45 GMT
घर में मुस्लिमों को प्रताड़ित कर, UN में आतंकियों को बचाता है चीन: US

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंसक इस्लामिक आतंकी संगठनों को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध से बचाने के लिए अमेरिका ने चीन को फिर से फटकार लगाई है। आतंकवाद के मुद्दे पर चीन की आलोचना करते हुए अमेरिका ने कहा है, चीन अपने घर में लाखों मुस्लिमों को प्रताड़ित करता है, लेकिन हिंसक इस्लामिक आतंकी संगठनों को यूएन के प्रतिबंध से बचाता है।


आतंकवाद के मुद्दे पर बोले अमेरिकी विदेश मंत्री
बुधवार को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने ट्वीट कर कहा, दुनिया मुस्लिमों के प्रति चीन के शर्मनाक पाखंड को बर्दाश्त नहीं कर सकती। एक तरफ चीन अपने देश में 10 लाख से अधिक मुस्लिमों को प्रताड़ित करता है और दूसरी तरफ यह हिंसक इस्लामिक आतंकी समूहों को यूएन में प्रतिबंध से बचाता है। 
 

माइक पॉम्पियो ने कहा, जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने की दिशा में आगे बढ़ता है तो चीन रुकावट बन जाता है। हाल ही में जब आतंकी मसूद अजहर का वैश्विक आतंकी घोषित करने की कवायद शुरू हुई तो चीन के रुख को दुनिया ने देखा। फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका की तरफ से मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए प्रस्ताव लाया गया, लेकिन चीन ने पहले की तरह तकनीकी आधार पर वीटो लगा दिया। मसूद अजहर अगर अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित हो जाता तो उसकी संपत्तियों और आवाजाही पर लगाम लग जाती, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
 

एक अन्य ट्वीट में माइक पॉम्पियो ने लिखा है, चीन ने अप्रैल 2017 से 10 लाख उइगर समुदाय और अल्पसंख्यकों को शिनजियांग के नजरबंदी कैंपों में रखा है। अमेरिका उनके और उनके परिवार के साथ खड़ा है। चीन को उन्हें रिहा करना चाहिए। बता दें कि हाल ही में चीन ने खुद दावा किया था कि शिनजियांग प्रांत में 2014 से अब तक करीब 13 हजार आतंकी गिरफ्तार किए गए हैं।

 

इस बीच एक बार फिर मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने प्रस्ताव बनाया है। इस प्रस्ताव में कहा गया है, मसूद अजहर का सबंध ISI या अलकायदा से है। इस प्रस्ताव में बताया गया है कि अजहर किस तरह से जैश के नापाक इरादों को अंजाम देने के लिए न केवल वित्तीय मदद करता है, बल्कि योजना बनाने के साथ- साथ आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने का भी काम करता है।

गौरतलब है कि चीन के अड़ंगे की वजह से जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर वैश्विक आतंकी नहीं घोषित हो सका। मसूद अजहर के मामले में चीन चार बार ऐसा कर चुका है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी भी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। 

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