भारत के नॉर्थ कोरिया से सम्बंधों पर यह बोले अमेरिकी विदेश मंत्री

भारत के नॉर्थ कोरिया से सम्बंधों पर यह बोले अमेरिकी विदेश मंत्री

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-27 16:47 GMT
भारत के नॉर्थ कोरिया से सम्बंधों पर यह बोले अमेरिकी विदेश मंत्री

डिजिटल डेस्क, जेनेवा। अमेरिका और नॉर्थ कोरिया के बीच हालिया न्यूक्लियर टेस्ट से पैदा हुए तनाव की वजह से बातचीत के लगभग सभी दरवाजे बंद होने के बाद अमेरिकी विदेशमंत्री रेक्स टिलरसन ने कहा है कि नार्थ कोरिया के साथ भारत के संबंध संपर्क माध्यम की भूमिका निभा सकते हैं। बीती 25 अक्टूबर को नई दिल्ली में सुषमा स्वराज और टिलरसन की मुलाकात के दौरान यह मुद्दा उठा था। भारत द्वारा प्योंगयांग में दूतावास बंद करने से इनकार करने के बाद एक सवाल के जवाब में टिलरसन ने कहा, "मेरा मानना है कि भारत ने यह संकेत दिया है कि संपर्क माध्यम के रूप में प्योंगयांग में दूतावास होना जरूरी है।"

 

इस लिए जरूरी है दूतावास
टिलरसन ने बताया, "भारत वहां अपना दूतावास जारी रखने के पक्ष में है। वह मानता है कि तनाव के इस माहौल में प्योंगयांग में दूतावास बातचीत जारी रखने के लिहाज से जरूरी है।" यह पूछे जाने पर कि क्या वह भारत के इस आकलन से सहमत हैं, टिलरसन ने जवाब दिया, ‘यह हो सकता है।" बता दें कि इस मसले पर सुषमा स्वराज और टिलरसन के बीच बीती 25 अक्टूबर को उनकी भारत यात्रा के दौरान बातचीत हुई थी, जिसमें सुषमा स्वाराज ने प्योंगयांग में भारतीय दूतावास खुला रहने की बात कही थी।

 

घटा भारत का व्यापार
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2016-17 में भारत और नॉर्थ कोरिया के बीच 8 अरब 45 करोड़ रुपए का था, लेकिन मौजूदा वित्त वर्ष में यह 71 करोड़ 17 लाख 50 हजार रुपए रह गया गया है। नॉर्थ कोरिया के परमाणु परीक्षणों पर उसके खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के मद्देनजर भारत ने अप्रैल से प्योंगयांग के साथ खाद्य पदार्थों और दवाओं को छोड़ कर सभी तरह का व्यापार रोक दिया है। टिलरसन ने कहा कि अमेरिका एशिया में भारत और उसकी तरह के अन्य देशों के साथ नए रास्ते तलाशना चाहता है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ आर्थिक और सुरक्षा संबंधों पर मेरी विस्तार से चर्चा हुई है।"


 

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