चीन का सामना करने वाले दुनिया के अकेले नेता हैं नरेंद्र मोदी : अमेरिकी विशेषज्ञ

चीन का सामना करने वाले दुनिया के अकेले नेता हैं नरेंद्र मोदी : अमेरिकी विशेषज्ञ

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-17 09:56 GMT
चीन का सामना करने वाले दुनिया के अकेले नेता हैं नरेंद्र मोदी : अमेरिकी विशेषज्ञ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पीएम मोदी ने हर कदम पर यह साबित किया है कि वो हर मामले में किसी से भी कम नहीं हैं। चीन मामलों पर अमेरिका के एक शीर्ष विशेषज्ञ ने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक मात्र ऐसे लीडर हैं जिन्होंने चीन के ‘बॉर्डर एंड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) के खिलाफ आवाज उठाई है। इस मुद्दे पर अमेरिका ने हमेशा से ही लगातार चुप्पी साधे रखी है। 

गौरतलब है कि कांग्रेस की सुनवाई के दौरान फेमस थिंक टैंक और हडसन इंस्टीट्यूट में निदेशक माइकल पिल्सबरी ने सांसदों से कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग की महत्वाकांक्षी परियोजना के खिलाफ नरेंद्र मोदी और उनकी टीम ने हमेशा खुलकर अपनी राय रखी है।

पिल्सबरी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केवल एक मात्र ऐसे नेता हैं जिन्होंने ‘बॉर्डर एंड रोड इनिशिएटिव’ के खिलाफ अपने विचार रखे हैं। उन्होंने और उनकी टीम ने इस पर खुलकर अपने राय दी हैं, आंशिक रूप से इसका एक कारण यह भी है कि ‘बेल्ट और रोड इनिशिएटिव’ से भारतीय संप्रभुता के दावों का उल्लंघन होता है।’ उन्होंने कहा कि यह 5 साल पुरानी परियोजना है जिस पर अमेरिकी सरकार अभी तक खामोश रही है।

अमेरिका की हिन्द-प्रशांत क्षेत्र पर नई रणनीति की सराहना करते हुए अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के पूर्व अधिकारी ने कहा कि हाल ही में लोगों ने राष्ट्रपति ट्रंप सहित प्रशासन के सदस्यों को 50 से अधिक बार ‘स्वतंत्र एवं मुक्त’ हिन्द-प्रशांत क्षेत्र की बात कहते सुना है। चीन मामलों पर अमेरिका के शीर्ष विशेषज्ञ माने जाने वाले पिल्सबरी ने कहा, ‘चीन इसका पहले ही विरोध कर चुका है। उसे यह पसंद नहीं है।’

बेल्ट एंड रोड चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसकी मदद से वह दुनिया के दूसरे हिस्सों को जोड़ते हुए आर्थिक कॉरिडोर बनाना चाहता है। इसमें 50 बिलियन डॉलर का चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर यानी CPEC भी शामिल है। CPEC को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी POK से होकर गुजरना है, जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। भारत ने इसे लेकर अपना विरोध जताने के लिए मई में चीन की ओर से आयोजित बेल्‍ट एंड रोड फोरम (BRF) का बहिष्‍कार भी किया था।
 

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