NASA : मंगल ग्रह पर फ्रीज हुआ मल्टी-बिलियन डॉलर का क्यूरियोसिटी रोवर

NASA : मंगल ग्रह पर फ्रीज हुआ मल्टी-बिलियन डॉलर का क्यूरियोसिटी रोवर

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-24 03:37 GMT
NASA : मंगल ग्रह पर फ्रीज हुआ मल्टी-बिलियन डॉलर का क्यूरियोसिटी रोवर
हाईलाइट
  • क्यूरियोसिटी रोवर ने अगस्त में मंगल पर अपनी सातवीं वर्षगांठ मनाई थी
  • क्यूरियोसिटी रोवर सॉफ्टवेयर में आई गड़बड़ी के चलते मंगल ग्रह पर फ्रीज हो गया
  • मल्टी-बिलियन डॉलर का यह रोवर 2012 के मध्य से इस ग्रह पर काम कर रहा है

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। नासा का क्यूरियोसिटी रोवर सॉफ्टवेयर में आई गड़बड़ी के चलते मंगल ग्रह पर फ्रीज हो गया है। मल्टी-बिलियन डॉलर का यह रोवर 2012 के मध्य से इस ग्रह पर काम कर रहा है। क्यूरियोसिटी रोवर ने अगस्त में मंगल पर अपनी सातवीं वर्षगांठ मनाई थी। रोवर ने मंगल ग्रह पर कई बड़ी खोज की है जो आने वाले समय में नासा के इस ग्रह पर एस्ट्रोनॉट को उतारने के मिशन में मदद करेगी।

रोवर भूला पोजिशनिंग की जानकारी
नासा के एक नए अपडेट में, क्यूरियोसिटी टीम ने खुलासा किया कि रोवर अपनी कुछ पोजिशनिंग की जानकारी को भूलने से पहले तक अच्छी तरह से काम कर रहा था। फिलहाल, रोवर फ्रीज हो गया है। इंजीनियर इसे दोबारा कार्यात्मक बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इस सप्ताह के शुरू में एक मिशन अपडेट में, क्यूरियोसिटी टीम के मेंबर डॉन समनर ने कहा था कि क्यूरियोसिटी ने हाल ही में अपनी गतिविधियों के अंतिम सेट के दौरान अपना ओरियनटेशन खो दिया है। इस वजह से रोवर ने मूव करना बंद कर दिया है और वह एक जगह पर फ्रीज हो गया है। रोवर की ऐसी स्थिति तब तक रहेगी जब तक इसके ओरियंटेशन के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल जाती।

मेमोरी में स्टोर जानकारी से करता है काम
बता दें कि जब अपने लिंब्स को मूव करने की बात आती है तो क्यूरियोसिटी रोवर जैसे रोबोट मनुष्य की तरह नहीं होते हैं। मार्स रोवर जैसी मशीनों को मेमोरी में अपने स्वयं के लिंब और उपकरणों की स्थिति को स्टोर करना पड़ता है। नया कमांड आने पर इस जानकारी का उपयोग करके रोवर तय करता है कि उसे किस तरह से मूव करना है। अगर रोवर किसी तरह अपनी पोजिशन से संबंधित जानकारी भूल जाता है तो वह नुकसान से बचने के लिए खुद को मूव नहीं करता।

रोवर के साथ नासा का संपर्क अभी भी कायम
अच्छी खबर यह है कि नासा का कम्यूनिकेशन अभी भी रोवर के साथ बना हुआ है। इस कनेक्शन के साथ रोवर की टीम क्यूरियोसिटी की एटिट्यूड इंफॉर्मेशन को रिस्टोर कर सकती है और फिर यह सुनिश्चित करने के लिए परीक्षण करेगी कि यह सुरक्षित रूप से आगे बढ़ सकता है। टीम यह पता लगाना चाहती है कि इस तरह के सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी रोवर में किस तरह से आई ताकि आने वाले दिनों में ऐसी समस्या दोबारा ना आए।

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