उत्तर कोरिया ने दागी अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल, अमेरिका ने किया आगाह

उत्तर कोरिया ने दागी अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल, अमेरिका ने किया आगाह

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-05 05:03 GMT
उत्तर कोरिया ने दागी अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल, अमेरिका ने किया आगाह

डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन. उत्तर कोरिया के बदलते रुख ने दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया है। लगातार अपनी नाभिकीय शक्ति को बढ़ा रहा उत्तर कोरिया इसे अपनी सुरक्षा के लिए उठाया कदम बता रहा है, जबकि अमेरिका इसे हजम करने के लिए कतई तैयार नही है। अमेरिका ने आज उत्तर कोरिया की ओर से पहली बार अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल दागे जाने की पुष्टि करते हुए प्योंगयांग के कारण बढ़ते खतरे को लेकर आगाह किया। इसके साथ ही अमेरिका ने इस परीक्षण के जवाब में दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर एक संयुक्त मिसाइल अभ्यास को अंजाम दिया।

पेंटागन की प्रमुख प्रवक्ता डाना व्हाइट ने कहा कि उत्तर कोरिया के आईसीबीएम परीक्षण के बाद शक्ति परीक्षण के दौरान अमेरिकी और दक्षिण कोरियाई सैनिकों ने दक्षिण कोरियाई जलक्षेत्र में मिसाइलें दागकर अपनी सटीकता के साथ निशाना साधने की क्षमता का प्रदर्शन किया। दक्षिण कोरिया में अमेरिकी बलों की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इस अभ्यास में आर्मी टेक्टिकल मिसाइल सिस्टम और दक्षिण कोरिया की यूनमू मिसाइल 2 का इस्तेमाल किया गया। पूर्वी तट पर दक्षिण कोरिया के जलक्षेत्र में मिसाइलें दागीं गईं।

पेंटागन ने कहा कि खतरों के बीच इस क्षेत्र में अपने सहयोगियों- दक्षिण कोरिया और जापान की रक्षा के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता अक्षुण्ण है। एक बयान में प्रक्षेपण की पुष्टि करने वाले अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने कहा कि अमेरिका कभी भी परमाणु हथियारों से संपन्न उत्तर कोरिया को बर्दाश्त नहीं करेगा। 

भारी परमाणु आयुध ले जाने में है सक्षम सोल
उत्तर कोरिया की अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल बड़े, भारी परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम है जो पृथ्वी के वायुमंडल में दोबारा दाखिल हो सकती है। यह मिसाइल अलास्का तक पहुंच सकती है। किम जोंग-उन ने प्रक्षेपण का निरीक्षण करने के बाद गाली देते हुए कहा कि अमेरिकी चार जुलाई को उनके स्वतंत्रता दिवस पर भेजे गए इस तोहफे से ज्यादा खुश नहीं होंगे। इससे पहले किम ने वासोंग-14 मिसाइल का निरीक्षण किया था और संतुष्टि जाहिर करते हुए कहा था, यह बेहद सुंदर लग रही है और इसे अच्छे से बनाया गया है। प्रायद्वीप युद्ध के वर्ष 1953 में समाप्त होने के साथ ही उत्तर और दक्षिण कोरिया अलग हो गए और इस युद्ध की समाप्ति शांति समझौते की जगह युद्ध विराम के साथ हुई थी। उत्तर कोरिया का कहना है कि उसे आक्रमण के खतरे से स्वयं को बचाने के लिए परमाणु हथियारों की आवश्यकता है। 

 

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