FATF का झटका, ग्रे लिस्ट में बना रहेगा पाक, ब्लैकलिस्ट होने का भी खतरा

FATF का झटका, ग्रे लिस्ट में बना रहेगा पाक, ब्लैकलिस्ट होने का भी खतरा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-22 12:46 GMT
FATF का झटका, ग्रे लिस्ट में बना रहेगा पाक, ब्लैकलिस्ट होने का भी खतरा
हाईलाइट
  • अक्टूबर तक अब पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रहना होगा।
  • अगर इसके बाद भी पाकिस्तान अपनी नीतियों में बदलाव नहीं लाता है तो फिर पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट भी किया जा सकता है।
  • फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखने का फैसला किया है।

डिजिटल डेस्क, पेरिस। फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF)  ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखने का फैसला किया है। अक्टूबर तक अब पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रहना होगा। अगर इसके बाद भी पाकिस्तान अपनी नीतियों में बदलाव नहीं लाता है तो फिर उसे ब्लैकलिस्ट भी किया जा सकता है। शुक्रवार को पैरिस में हुई FATF की सालाना मीटिंग में  ये फैसला लिया गया है। बता दें कि FATF दुनिया भर में आतंकी फाइनेंसिंग को रोकने का काम करती है।

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के लिए "सीमित प्रगति" की है। पाकिस्तान ने अल-कायदा, जमात-उद-दावा, जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर जैसे आतंकी संगठनों के खतरों को लेकर उचित समझ का प्रदर्शन नहीं किया है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान से आग्रह किया की वह मई 2019 की समयसीमा के साथ अपने एक्शन प्लान को पूरा करें। बयान में यह भी कहा गया कि पाकिस्तान को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण के मामलों में प्रतिबंधों को लागू करने की आवश्यकता है।

पाकिस्तान अपनी धरती पर आतंक की उत्पत्ति को रोकने में नाकाम रहने के लिए भारी अंतरराष्ट्रीय दबाव में है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने FATF से जोर देकर कहा था कि उसे निगरानी सूची से बाहर नहीं किया जाना चाहिए। यहां तक की भारत ने यह भी मांग की थी कि पाकिस्तान को  ब्लैकलिस्ट में डाल दिया जाए। इसी के बाद FATF का ये फैसला सामने आया है। FATF ने कहा कि अक्टूबर, 2019 तक यदि पाकिस्तान उसकी 27 मांगों पर काम नहीं करता है तो उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।

इससे पहले गुरुवार को पाकिस्तान ने मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद के आंतकी संगठनों जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इनसानियत को बैन करने का ऐलान किया था। गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) की बैठक के बाद इसका आदेश जारी किया गया था। प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई NSC की बैठक की अध्यक्षता पाक पीएम इमरान खान ने की थी। पाकिस्तान की कोशिश थी कि वह ऐसा करके FATF की ग्र लिस्ट से बाहर आ जाए। हालांकि ऐसा हुआ नहीं और FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बनाए रखा।

बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ जवानों पर आत्मघाती हमला किया था। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। जैश-ए-मोहम्मद वहीं संगठन है जिसे पाकिस्तान अपनी धरती पर पालता-पोसता है। इस हमले के बाद से ही पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की जा रही है।

बता दें कि ग्रे लिस्ट में शामिल देशों पर टेरर फंडिग के लिए कड़ी निगरानी रखी जाती है। पाकिस्तान को इस लिस्ट में पिछले साल शामिल किया गया था। ग्र लिस्ट में शामिल होने का मतलब है कि पाकिस्तान के साथ व्यापार करने की इच्छुक अंतरराष्ट्रीय कंपनिया, बैंक और ऋण देने वाली अन्य संस्थाएं वहां निवेश करने से पहले कई बार सोचेंगी। पहले से ही खस्ता हालत में चल रही पाक की अर्थव्यवस्था के लिए FATF बैन जारी रखने का फैसला झटके की तरह है।

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