पाकिस्तान में सेना मुख्यालय के सामने लोगों ने लगाए ISI मुर्दाबाद के नारे

पाकिस्तान में सेना मुख्यालय के सामने लोगों ने लगाए ISI मुर्दाबाद के नारे

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-22 09:30 GMT
पाकिस्तान में सेना मुख्यालय के सामने लोगों ने लगाए ISI मुर्दाबाद के नारे
हाईलाइट
  • अपने हिसाब से जजों की बेंच बनाती है आईएसआई: जस्टिस सिद्दीकी।
  • इस्लामाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस ने आईएसआई पर लगाए थे गंभीर आरोप।
  • लोगों ने पाकिस्तान की राजनीति में आईएसआई के दखल का विरोध किया।

डिजिटल डेस्क. नई दिल्ली। पाकिस्तान में सेना मुख्यालय के बाहर लोगों ने आईएसआई मुर्दाबाद के नारे लगाए। खुफिया एजेंसी आईएसआई पर चुनाव में दखल के आरोप के बाद रावलपिंडी में शनिवार देर रात लोगों ने प्रदर्शन किया। एक दिन पहले ही इस्लामाबाद हाईकोर्ट जस्टिस शौकत सिद्दीकी ने दावा किया था कि आईएसआई अलग-अलग मामलों में अपने हिसाब से जजों की बेंच बनाती है। खुफिया एजेंसी का मकसद मुकदमों के फैसले अपने मुताबिक करना होता है। सिद्दीकी के मुताबिक आईएसआई ने चीफ जस्टिस से कहा है कि नवाज शरीफ और मरियम शरीफ किसी भी  कीमत पर चुनाव 25 जुलाई से पहले जेल से बाहर नहीं आने चाहिए। जस्टिस सिद्दीकी ने आईएसआई पर सभी न्यायिक फैसलों में दखल देने का आरोप लगाया है।

 

 

 

मीडिया और जज सेना के नियंत्रण में
जस्टिस शौकत ने रावलपिंडी बार एसोसिएशन की एक मीटिंग में आईएसआई पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस वक्त बुरे दौर से गुजर रहा है, क्योंकि मीडिया और न्यायालय बंदूकवालों (सेना) के नियंत्रण में हैं। मीडिया तक को सेना निर्देश देती है। न्यायालय आजाद नहीं हैं। मीडिया के ऊपर दबाव है, इसलिए वह सच्चाई नहीं बोल रही है।

 

 

जमीर बेचने से मरना पसंद करूंगा
जस्टिस सिद्दीकी ने कहा कि आईएसआई ने निर्देश दिए हैं कि मुझे नवाज शरीफ और मरियम के मामलों की सुनवाई में शामिल नहीं किया जाए। चीफ जस्टिस ने आईएसआई को वादा किया है कि शरीफ मामले में उनकी मर्जी की बेंच बनाई जाएगी। शौकत सिद्दीकी ने कहा कि आईएसआई ने मुझे भी पेशकश की थी कि मैं उनके मुताबिक काम करूं तो वो मुझे चीफ जस्टिस बना देंगे, लेकिन मैंने उनका ऑफर ये कहते हुए ठुकरा दिया कि मैं अपने जमीर को बेचने से ज्यादा मरना पसंद करूंगा।

 

 

 

 

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