ट्रंप की चेतावनी से थर्राया PAK, संसद के संयुक्त सत्र बुलाने पर विचार

ट्रंप की चेतावनी से थर्राया PAK, संसद के संयुक्त सत्र बुलाने पर विचार

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-25 16:22 GMT
ट्रंप की चेतावनी से थर्राया PAK, संसद के संयुक्त सत्र बुलाने पर विचार

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। आतंकियों को पनाह न देने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी को देखते हुए पाकिस्तान सरकार आगे की राह के बारे में विचार करने के लिए संसद का संयुक्त सत्र बुलाने की सोच रही है।

पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम शाहिद खाकान अब्बासी ने गुरुवार को सीनेट में संबोधन के दौरान इस बात का साफ इशारा किया था कि अमेरिकी धमकी के बाद पैदा हुए हालात पर विचार के लिए संसद का संयुक्त सत्र बुलाया जा सकता है। अब्बासी ने ट्रंप की चेतावनी को एक नाजुक मसला बताते हुए कहा कि संघीय कैबिनेट और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद दोनों इस मसले पर विचार कर चुकी है। इससे पहले सीनेट के चेअरमैन रजा रब्बानी ने पीएम को बताया था कि सीनेट की समिति ने अमेरिकी राष्ट्रपति की चेतावनी के मद्देनजर कुछ सिफारिशों का प्रारूप तय किया है। रब्बानी का सुझाव है कि संसद के संयुक्त अधिवेशन में इसी प्रारूप पर चर्चा हो सकती है।

हालांकि संसद में ट्रंप के बयान पर चर्चा के दौरान सीनेटर्स ने कहा कि अमेरिका को यह सोचना चाहिए कि पाकिस्तान आतंक के खिलाफ जंग में हमेशा अगुवा रहा है। उन्होंने कहा कि आज वही अमेरिका, जिसने पाकिस्तान को आतंक के खिलाफ आर्थिक मदद की, वही हमारा मजाक उड़ा रहा है। उसे यह याद रखना चाहिए कि उसने आतंक के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान को अभी तक हुए 150 अरब डॉलर के नुकसान के एक छटांक भर हिस्से की भी भरपाई नहीं की है। सीनेटर्स ने यह भी कहा कि पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के शासन में देशभर में हुए आतंकी हमलों से देश में शैक्षणिक संस्थानों और स्वास्थ्य सेवाओं के ढांचे को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। इतना ही नहीं, हजारों की संख्या में निर्दोष नागरिकों और सुरक्षा बलों के जवानों को जान की कुर्बानी भी देनी पड़ी है।

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