पाकिस्तान: SC ने मुशर्रफ के देशद्रोह मामले की याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

पाकिस्तान: SC ने मुशर्रफ के देशद्रोह मामले की याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-18 06:03 GMT
पाकिस्तान: SC ने मुशर्रफ के देशद्रोह मामले की याचिका पर सुनवाई से किया इनकार
हाईलाइट
  • मुशर्रफ के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार
  • मुशर्रफ के वकील याचिका लौटाने के रजिस्ट्रार के फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट  ने देशद्रोह मामले में पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को दी गई सजा के खिलाफ उनकी तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। एक सूत्र ने डॉन न्यूज को बताया कि अदालत ने इस आधार पर अपील लौटा दी कि जबतक याचिकाकर्ता आत्मसमर्पण नहीं कर देता। उसकी याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा। मुशर्रफ के वकील अब जल्द ही याचिका लौटाने के रजिस्ट्रार के फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं। मुशर्रफ ने इस्लामाबाद की विशेष अदालत द्वारा 17 दिसंबर 2019 को दिए गए फैसले के खिलाफ गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। विशेष अदालत ने देशद्रोह मामले में मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाई थी।

सुनवाई संविधान का उल्लंघन करती है
बैरिस्टर सलमान सफदर द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि मामले की सुनवाई संविधान का उल्लंघन करते हुए हुई थी, इसलिए इस फैसले को रद्द कर दिया जाना चाहिए। अपील में सुनवाई के दौरान अनुपस्थित रहने की स्थिति में सुप्रीम कोर्ट से मामले की बहस को सुनने का अधिकार मांगा गया है। इसके अलावा न्याय और निष्पक्षता के हित में फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई।

पाक इतिहास का पहला फैसला
डॉन न्यूज के अनुसार, दिसंबर में विशेष अदालत का यह फैसला पाकिस्तान के इतिहास का पहला फैसला था, जिसमें किसी पूर्व सैन्य प्रमुख को देशद्रोह के मामले में दोषी करार देकर मौत की सजा सुनाई गई हो। मामले की सुनवाई शुरू होने के छह साल बाद मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाई गई। पूर्व सैन्य प्रमुख फिलहाल दुबई में हैं। पिछले महीने तबियत बिगड़ने के बाद से वे अस्पताल में भर्ती हैं।

देशद्रोह का मुकदमा दर्ज
बता दें 3 नवंबर 2007 को आपातकाल की स्थिति के लिए मुशर्रफ पर दिसंबर 2013 में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था। परवेज मुशर्रफ को 31 मार्च 2014 को दोषी ठहराया गया। अभियोजन पक्ष ने उसी साल सितंबर में विशेष अदालत के समक्ष पूरे सबूत पेश किए थे। 

 

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