US के आरोपों पर बौखलाया PAK, अमेरिका के साथ मिलिट्री-इंटेलिजेंस को-ऑपरेशन खत्म

US के आरोपों पर बौखलाया PAK, अमेरिका के साथ मिलिट्री-इंटेलिजेंस को-ऑपरेशन खत्म

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-10 07:09 GMT
US के आरोपों पर बौखलाया PAK, अमेरिका के साथ मिलिट्री-इंटेलिजेंस को-ऑपरेशन खत्म

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। नए साल से शुरू हुई अमेरिका और पाकिस्तान के बीच तनातनी अब और गहरी होती जा रही है। अमेरिका की तरफ से मिलिट्री एड रोके जाने और आरोपों से बौखलाए पाकिस्तान ने भी अमेरिका के साथ मिलिट्री और इंटेलिजेंस को-ऑपरेशन खत्म करने का एलान किया है। पाकिस्तान के डिफेंस मिनिस्टर खुर्रम दस्तगीर खान इस्लामाबाद में एक कॉलेज प्रोग्राम में इस बात की जानकारी दी। हालांकि पाकिस्तान ने अभी अमेरिका को अपनी जमीन इस्तेमाल करने पर रोक लगाने का कोई फैसला नहीं लिया है। बता दें कि 1 जनवरी को अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया था कि अमेरिका ने पाकिस्तान को करोड़ों डॉलर की मदद दी, लेकिन बदले में उसे धोखा मिला।

अफगानिस्तान में अमेरिका की हार

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, पाक के डिफेंस मिनिस्टर खुर्रम दस्तगीर खान ने इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटजिक स्टडीज़ के एक प्रोग्राम को संबोधित करते हुए कहा अमेरिका को मदद रोके जाने का एलान किया है। खुर्रम खान ने कहा कि "अमेरिका ने अफगानिस्तान से लड़ने के लिए करोड़ों डॉलर खर्च किए, इसके बावजूद उसकी हार होने वाली है। इस कारण अमेरिका अफगानिस्तान में अपनी हार के लिए पाकिस्तान को बलि का बकरा बना रहा है।" खुर्रम खान ने कहा कि "आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान ने कई बलिदान दिए, लेकिन उन्हें ध्यान नहीं रखा गया। अब पाकिस्तान अमेरिका को दी जाने वाली मिलिट्री-इंटेलिजेंस मदद पर रोक लगा रहा है।"



अमेरिका को नहीं कोई जानकारी

वहीं पाकिस्तान के इस कदम की अमेरिका को कोई जानकारी नहीं है। पाकिस्तानी मीडिया ने जब इस्लामाबाद में अमेरिकी एंबेसी से इस बारे में पूछा तो अमेरिका ने इस बात की जानकारी होने से साफ-साफ इनकार कर दिया। यूएस एंबेसी के प्रवक्ता रिचर्ड नेलजायर ने कहा कि "हमें अभी तक इस बारे में कोई भी औपचारिक जानकारी नहीं मिली है।"

आतंकियों पर नरमी बर्दाश्त नहीं: CIA

इससे पहले अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसी CIA के चीफ माइक पॉम्पियो ने साफ कर दिया है कि आतंकियो पर नरमी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। माइक पॉम्पियो ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि "हमने पाकिस्तान को ये मैसेज देने की कोशिश की है कि अब पहले जैसा नहीं चलेगा, इसलिए मदद रोककर उसे एक और मौका दिया गया है और अब आतंकिया पर नरमी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर वो खुद को बदल लेता है और समस्या के समाधान के लिए आगे आता है, तो अमेरिका दोबारा पाकिस्तान के साथ एक पार्टनर के तौर पर संबंध बढ़ाने को तैयार है, लेकिन अगर वो ऐसा नहीं करता है तो हम अमेरिका की सुरक्षा करने जा रहे हैं।"

आतंक के खिलाफ पाकिस्तान के साथ

अमेरिकी डिफेंस मिनिस्ट्री पेंटागन के प्रवक्ता कर्नल रॉब मैनिंग ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य मदद को फिर से बहाल करने की शर्तों के बारे में बताया कि "हमारी उम्मीदें साफ है कि तालिबान और हक्कानी नेटवर्क को पाकिस्तान की धरती पर पनाह नहीं मिलनी चाहिए।" पेंटागन के प्रवक्ता कर्नल रॉब मैनिंग ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया "हमने पाकिस्तान को बता दिया है कि अमेरिका कौन से ठोस कदम उठा सकता है। हालांकि आतंक के खिलाफ लड़ाई में हम पाकिस्तान के साथ हैं और इस बारे में हम उससे बातचीत जारी रखेंगे।"

पाकिस्तान को मिला चीन का साथ

वहीं अमेरिका की तरफ से सैन्य मदद रोके जाने पर पाकिस्तान को अब चीन का साथ भी मिल गया है। सोमवार को चीनी फॉरेन मिनिस्ट्री के प्रवक्ता लु कांग ने अमेरिका का विरोध करते हुए कहा है कि "चीन ने हमेशा से किसी एक देश से आतंकवाद को जोड़ने का विरोध किया है और हम आतंकवाद से निपटने की जिम्मेदारी किसे एक देश के कंधे पर डालने के भी खिलाफ हैं। हमने कई बार कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान ने कई बलिदान दिए हैं।" लु कांग ने आगे कहा कि "आतंक विरोधी अभियानों में हम सबको साथ आना चाहिए, न कि एक-दूसरे पर उंगली उठाना चाहिए।" इसके साथ ही लु कांग ने भारत को भी सलाह देते हुए कहा है कि वो अपने पड़ोसी देशों के बारे में भी सोचे।



1628 करोड़ रुपए की सैन्य मदद पर रोक लगाई

बता दें कि अमेरिका ने 2 जनवरी को पाकिस्तान को दी जाने वाली 255 मिलियन डॉलर की सैन्य मदद पर रोक लगा दी है। इंडियन करेंसी के हिसाब से ये अमाउंट 1628 करोड़ रुपए है। इसके एक दिन पहले ही अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी और सैन्य मदद रोकने की धमकी दी थी और अगले ही दिन अमेरिका ने ये एक्शन लिया है। इस बात की जानकारी देते हुए व्हाइट हाउस ने बताया था कि "अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 255 मिलियन डॉलर की सैन्य मदद रोक दी है। अब पाकिस्तान को किसी भी तरह की मदद देने से पहले देखा जाएगा, कि पाक ने आतंकवाद के खिलाफ क्या और कितनी कारगर कार्रवाई की है।"

डोनाल्ड ट्रंप ने दी थी पाक को धमकी

अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने 1 जनवरी को ट्वीट कर पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी थी। ट्रंप ने सोमवार को ट्वीट किया था "अमेरिका पिछले 15 सालों से पाकिस्तान को 33 बिलियन डॉलर (करीब 2 लाख करोड़ रुपए) की मदद करता आ रहा है, लेकिन बदले में उन्होंने हमें केवल झूठ और धोखा ही दिया। पाकिस्तान ने हमारे लीडर्स को मूर्ख समझा। उसने उन आतंकियों को अपने यहां पनाह दी, जिन्हें हम अफगानिस्तान में तलाश रहे थे। ये अब और नहीं।"
 

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