पाक विदेश मंत्री का दावा, पीएम मोदी ने इमरान को बातचीत शुरू करने की चिट्ठी लिखी

पाक विदेश मंत्री का दावा, पीएम मोदी ने इमरान को बातचीत शुरू करने की चिट्ठी लिखी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-20 08:21 GMT
पाक विदेश मंत्री का दावा, पीएम मोदी ने इमरान को बातचीत शुरू करने की चिट्ठी लिखी
हाईलाइट
  • कश्मीर राग अलापते हुए
  • समाधान की बात भी कही।
  • कुरैशी ने कहा
  • इस्लामाबाद समझौता हमारे लिए महत्वपूर्ण है।
  • मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सोमवार को यह दावा किया।

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के नए विदेश मंत्री ने दावा किया है कि पीएम मोदी ने पाक पीएम इमरान खान को चिट्ठी लिखकर बातचीत शुरू करने को कहा है। मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सोमवार को यह दावा किया। पाकिस्तान के एक स्थानीय न्यूज चैनल के मुताबिक कुरैशी ने कहा, "दोनों देश इस समय पेचीदा मसलों में उलझे हुए हैं। इन मसलों को हल करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। कश्मीर एक सच्चाई है। इस्लामाबाद समझौता हमारे लिए महत्वपूर्ण है। वह हमारे देश के इतिहास का हिस्सा है। दोनों देशों के पास बातचीत के अलावा कोई और चारा नहीं बचता है।

 

 

 

बता दें कि इमरान खान ने शनिवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने इमरान खान को चिट्ठी लिखकर बधाई दी थी। माना जा रहा है कि कुरैशी इस चिट्ठी को आधार बनाकर दावा कर रहे हैं। पाकिस्तानी चैनल ने दावा किया कि विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा कि देशों देश परमाणु शक्ति से संपन्न है। कश्मीर राग अलापते हुए कुरैशी ने कहा कि दोनों देशों के बीच कश्मीर एक सच है। उन्होंने कहा कि इस समस्या का हल निकाला जाना चाहिए। भारत-पाक रिश्तों पर उन्होंने कहा कि दोनों देश एक दूसरे से मुंह नहीं मोड़ सकते हैं। कश्मीर एक हकीकत है, जिसे दोनों देशों ने माना है। कुरैशी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र करते हुए कहा कि वो इस्लामाबाद और लाहौर आए थे। अटलजी ने पाकिस्तान के साथ बाहरी मुद्दों को माना था। बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने के इमरान खान ने भी कश्मीर राग अलापा था। भारत और अफगानिस्तान से पाकिस्तान के बेहद खराब रिश्तों पर इमरान ने कहा था कि वो दोनों देशों के साथ संबंध सुधारना चाहते हैं।

आतंकी हमले बंद होने के बाद होगी बात: भारत
विदेश मंत्रालय ने अपना बचाव करते हुए कहा है कि चिट्ठी तो लिखी गई थी, लेकिन चिट्ठी को लेकर पाकिस्तान अपनी अलग व्याख्या कर रहा है। सरकार ने अपना स्टैंड साफ करते हुए कहा कि जब तक पाकिस्तान की तरफ से आतंकी हमले बंद नहीं हो जाते, तब तक बातचीत संभव नहीं है।  

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