यरुशलम में खुला अमेरिकी दूतावास, विरोध प्रदर्शन में 37 फिलिस्तीनियों की मौत

यरुशलम में खुला अमेरिकी दूतावास, विरोध प्रदर्शन में 37 फिलिस्तीनियों की मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-14 15:18 GMT
यरुशलम में खुला अमेरिकी दूतावास, विरोध प्रदर्शन में 37 फिलिस्तीनियों की मौत

डिजिटल डेस्क, यरुशलम। इस्लाम, यहूदी और ईसाई धर्म के लिए समान महत्ता रखने वाले इजरायल के यरुशलम शहर में सोमवार को अमेरिकी दूतावास खोल दिया गया। उद्घाटन कार्यक्रम से पहले फिलिस्तीनी लोगों ने इसके विरोध में जमकर प्रदर्शन किया। गाजा सीमा पर हुए इस विरोध प्रदर्शन में कुल 37 फिलिस्तीनी मारे गए। वहीं 1600 से ज्यादा फिलिस्तीनी घायल भी हुए। विरोध प्रदर्शम में शामिल हुए लोगों की मौत इजरायली सुरक्षा बलों की गोलियों से हुई है। इधर, इजरायल का कहना है कि विरोध प्रदर्शन हिंसक हो चुका था और प्रदर्शनकारी पत्थरबाजी के साथ-साथ बम और गोलियां भी बरसा रहे थे।
 

 

इजरायल सुरक्षा बलों की ओर से कहा गया है कि यरुशलम में अमेरिकी दूतावास के विरोध में प्रदर्शन के लिए एक अनुमान के मुताबिक लगभग 35,000 लोग, गाजा और इजराइल के बीच सीमा पर 12 अलग-अलग स्थानों पर इकट्ठे हुए थे। इन प्रदर्शनकारियों ने सीमा पर स्थित इजरायली सैनिकों पर शराब की बोतलों में आग लगा कर फेंकी, टायर जलाया और पत्थरबाजी की। सुरक्षा बलों ने यह भी कहा है कि इन प्रदर्शनकारियों में सशस्त्र फिलिस्तीनी विद्रोही भी शामिल थे।

अमेरिका ने माना यरुशलम को इजरायल की राजधानी 
अमेरिका, यरुशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्‍यता दे चुका है। इजरायल अपनी राजधानी 70 साल से यरुशलम को ही मानता आया है। फिलिस्तीनी दावे और इस्लाम, यहूदी और ईसाई धर्म के लिए महत्वपूर्ण इस शहर पर हमेशा से विवाद रहा है। इसी के चलते अन्य देश इस स्थान को इजरायल का क्षेत्र नहीं मानते हैं। हालांकि अब अमेरिका के इस कदम से बहुत कुछ बदल सकता है। यरूशलम में अमेरिकी दूतावास के आज हुए उद्घाटन समारोह में करीब 800 मेहमान पहुंचे। इसमें अमेरिका और इजरायल की अहम शख्सियतें शामिल थे।
 

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