डोकलाम हमारा हिस्सा है, संप्रुभता की रक्षा के लिए गश्त लगाते रहेंगे : चीन

डोकलाम हमारा हिस्सा है, संप्रुभता की रक्षा के लिए गश्त लगाते रहेंगे : चीन

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-07 17:20 GMT
डोकलाम हमारा हिस्सा है, संप्रुभता की रक्षा के लिए गश्त लगाते रहेंगे : चीन

डिजिटल डेस्क, पेइचिंग। डोकलाम इलाके में चीनी सैनिकों की मौजूदगी की खबरों के बीच चीन ने शनिवार को कहा है कि भारत के साथ अच्छे और स्थिर रिश्ते दोनों देशों के हित में हैं। चीन ने दो मोर्चों पर लड़ाई संबंधी भारतीय वायुसेना प्रमुख की टिप्पणी पर सीधी प्रतिक्रिया देने से परहेज किया। इसके साथ ही चीनी विदेश मंत्रालय का कहना है कि डोकलाम उनका हिस्सा है और अपनी संप्रुभता की रक्षा के लिए उनके सैनिक इलाके में गश्त लगाते रहेंगे।

महत्वपूर्ण पड़ोसी हैं भारत-चीन
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन और भारत एक-दूसरे के लिए बहुत महत्वपूर्ण पड़ोसी हैं। दोनों देश सबसे बड़े विकासशील राष्ट्र और उभरते बाजार हैं। मंत्रालय ने कहा, "चीन-भारत के बीच अच्छा और स्थिर संबंध दोनों देशों के लोगों के हित में है। क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी यही चाहता है।

धनोवा के बयान के बाद की टिप्पणी
चीनी विदेश मंत्रालय की यह टिप्पणी भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ के उस बयान के जवाब में आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय सेना चीन और पाकिस्तान दोनों मोर्चों पर एकसाथ लड़ने में सक्षम है। चीफ ऑफ एयर स्टाफ ने बताया कि वायुसेना 2032 तक 42 फाइटर स्क्वॉड्रन की क्षमता हासिल कर लेगी। 

डोकलाम पर फिर जताया हक
इसके पहले डोकलाम इलाके में अपने सैनिकों की उपस्थिति का बचाव करते हुए चीन ने कहा संप्रभुता के अधिकार के तहत उसके सैनिक इलाके में गश्त कर रहे हैं। इस इलाके पर भूटान भी अपना दावा करता है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा डोंगलांग (डोकलाम) इलाका हमेशा से चीन के प्रभावी अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत है।

पड़ोसी चाहें भी तो नहीं कर सकते अस्थिर
उधर, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तरी अंडमान द्वीप के दिगलीपुर में कहा कि भारत आर्थिक और सुरक्षा दोनो ही मोर्चों पर मजबूती से उभर रहा है। ऐेसे में कोई भी पड़ोसी देश उसे अस्थिर नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि भारत ने हाल के दिनों में सभी मोर्चों पर संतोषजनक प्रदर्शन किया है। भारतीय सैनिकों के अथक प्रयासों की सराहना करते हुए केंद्रीय गृहममंत्री ने कहा कि कोई पड़ोसी देश भारत को अस्थिर नहीं कर सकता। केंद्रीय गृहमंत्री का यह बयान हाल ही में चीनी सेना के डोकलाम क्षेत्र में शुरू गतिविधयों के बाद आया है। उल्लेखीय है कि डोकलाम में पिछले दिनों चीनी सैनिकों द्वारा सड़क बनाए जाने के प्रयास के बाद भारत और चीन दोनों ही देशों की सेना दो महीने से ज्यादा समय तक एक दूसरे के सामने खड़ी रही थी।

रावत ने भी जतायी थी आशंका
इससे पहले सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने पिछले महीने कहा था कि देश को दो फ्रंट पर युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा था कि चीन ने भी अपनी ताकत बढ़ानी शुरू कर दी है। दूसरी तरफ पाकिस्तान के साथ सुलह की कोई उम्मीद नहीं है। पाकिस्तान की सेना और वहां की सरकार भारत को दुश्मन मानकर चलती है। 

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