अमेरिका तीन महीने के अंदर रद्द करेगा H-4 वीजा! भारतीयों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

अमेरिका तीन महीने के अंदर रद्द करेगा H-4 वीजा! भारतीयों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-22 13:55 GMT
अमेरिका तीन महीने के अंदर रद्द करेगा H-4 वीजा! भारतीयों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
हाईलाइट
  • ट्रंप प्रशासन ने कहा कि इससे अमेरिकी लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
  • ट्रंप प्रशासन ने कहा कि सारी नौकरियां दूसरे देश वाले ले जाते हैं।
  • ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि वह जल्द ही अमेरिका में H-4 वीजा वाले सिस्टम को रद्द कर सकते हैं।

डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि वह जल्द ही अमेरिका में H-4 वीजा वाले सिस्टम को रद्द कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इससे अमेरिकी लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है, क्योंकि सारी नौकरियां दूसरे देश वाले ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि H-4 वीजा वाले लोगों को कंपनियां नौकरी दे रही हैं, जबकि यहां के लोगों को घाटा हो रहा है। प्रशासन ने शनिवार को वहां के एक फेडरल कोर्ट में कहा कि अगले तीन महीने में वह इस मामले में निर्णय लेंगे। बता दें कि यह (H4) वीजा H-1B वीजा लेकर आए विदेशियों की पत्नी और 21 साल से कम उम्र के बच्चों को दिया जाता है।

H-4 वीजा पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान लाया गया था। इससे भारतीय महिलाओं को अमेरिका में नौकरी करने की इजाजत मिली थी और वह ही सबसे बड़ी लाभार्थी भी हैं। काम करने की अनुमति रद्द होने से भारतीय महिलाओं पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। अमेरिका के USCIS के एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2015 से दिसंबर, 2017 के बीच अमेरिका के इमिग्रेशन डिपार्टमेंट ने कुल एक लाख 26 हजार H-4 वीजा धारकों को वहां काम करने की अनुमति दी थी। इसमें से 93 फासदी भारत में जन्मे लोग थे। वहीं पांच प्रतिशत लोग चीन के थे। इनमें से 90 हजार लोगों को शुरू में ही यह वीजा दिया गया था। वहीं बाकी के 35 हजार लोग नए हैं।

इससे पहले शुक्रवार को कोलंबिया के एक डिस्ट्रिक्ट कोर्ट डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) ने इस मामल पर अपनी राय दी थी। DHS ने कहा था कि वह H-4 वीजा के नियमों में बदलाव को लेकर सख्त कदम उठाएगा। DHS ने कहा कि तीन महीने के अंदर व्हाइट हाउस के ऑफिस ऑफ मैनेजमेंट बजट (OMB) को इस नए नियम के बारे में सभी दस्तावेज पहुंचा दिए जाएंगे। तब तक विभाग ने कोर्ट को "सेव जॉब्स USA" समूह द्वारा दायर किए गए मुकदमे के फैसले को भी रोकने को कहा है। सेव जॉब्स USA अमेरिकी कार्मचारियों द्वारा बनाया गया एक ग्रुप है, जिनकी नौकरियों पर इन वीजा से सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है।

अभी फिलहाल H-1B वीजा पॉलिसी की समीक्षा की जा रही है। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि अमेरिकी कंपनियां इस पॉलिसी का गलत इस्तेमाल कर रही हैं। इस पॉलिसी की वजह से कंपनियां USA के लोगों की जगह दूसरे देश के लोगों को नौकरियां दे रही हैं। 

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