मोदी-जिनपिंग के बीच गर्मजोशी से मुलाकात, PM बोले-विश्व शांति के लिए भारत, चीन साथ आएं

मोदी-जिनपिंग के बीच गर्मजोशी से मुलाकात, PM बोले-विश्व शांति के लिए भारत, चीन साथ आएं

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-27 12:03 GMT
मोदी-जिनपिंग के बीच गर्मजोशी से मुलाकात, PM बोले-विश्व शांति के लिए भारत, चीन साथ आएं
हाईलाइट
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच शुक्रवार को चीनी शहर वुहान में दो दिवसीय अनौपचारिक वार्ता की शुरूआत हो गई।
  • इस वार्ता में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और चीन विश्व शांति के लिए अहम भूमिका निभा सकते हैं।
  • भारत के लोग इस बात पर गर्व महसूस करते हैं कि मैं पहला पीएम हूं
  • जिसे आप राजधानी से बाहर आकर लेने आए हैं।
  • भूटान और सिक्किम के बीच स्थित डोकलाम में चीन और भारत की सेन

डिजिटल डेस्क, वुहान। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच शुक्रवार को चीनी शहर वुहान में दो दिवसीय अनौपचारिक वार्ता की शुरूआत हो गई। इस वार्ता में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और चीन विश्व शांति के लिए अहम भूमिका निभा सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देश साथ मिलकर चलने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि, "भारत के लोग इस बात पर गर्व महसूस करते हैं कि मैं पहला पीएम हूं, जिसे आप राजधानी से बाहर आकर लेने आए हैं।" डेलिगेशन स्तर की बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने कहा, "मुझे खुशी होगी अगर 2019 में ऐसी ही बैठक का आयोजन भारत की धरती पर हमें करने का अवसर मिले।"

पीएम मोदी ने कहा कि, न्यू इंडिया और न्यू एरा की कोशिश दुनिया के हित में है क्योंकि दुनिया की 40 फीसद आबादी इन्हीं दो देशों में रहती है। प्रधानमंत्री ने कहा, भारत-चीन मिलकर दुनिया को कई समस्याओं से निजात दिला सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आने वाले वक्त में ऐसी अनौपचारिक वार्ताएं परंपरा का हिस्सा बन जाएंगी। पीएम ने कहा कि अगर 2019 में ऐसी ही कोई समिट भारत में हो तो मुझे काफी खुशी होगी। पीएम मोदी चीन के समयानुसार दोपहर करीब 3।30 बजे हुबेई प्रांतीय संग्रहालय पहुंचे और 30 सेकेंड तक बड़ी ही गर्मजोशी से शी जिनपिंग से हाथ मिलाया।

 


बता दें कि भूटान और सिक्किम के बीच स्थित डोकलाम में चीन और भारत की सेनाओं के बीच करीब 70 दिनों तक चले तनाव के बाद यह पहला मौका है, जब दोनों नेताओं ने मुलाकात की है। इस दौरान पीएम मोदी पुराने दिन को याद करते हुए कहा कि, "जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब मुझे वुहान आने का गौरव प्राप्त हुआ। मैंने यहां के बांध के बारे में बहुत सुना था"।

पीएम मोदी के इस दौरे पर कोई समझौता नहीं होगा। अधिकारियों ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन मुद्दों को सुलझाने पर सहमति बनाने का प्रयास है जो कि किसी समझौते की घोषणा के बजाय बाद की कार्रवाई पर होगा। दोनों नेताओं के बीच इस तरह का संवाद पहली बार हो रहा है।

 


सीमा पर तनाव कम होगा !
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने उम्मीद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच दो दिवसीय अनौपचारिक शिखर सम्मेलन दोनों सेनाओं के बीच संबंधों को स्थिर बना सकता है। चीनी सेना के मुताबिक, सीमाओं पर शांति बनाए रखने में मदद कर सकता है और मतभेदों को सुलझा सकता है।

चौथी बार चीन पहुंचे मोदी
साल 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी की यह चौथी चीन यात्रा है। इसके बाद वह 9 और 10 जून को क्विंगदाओ शहर में होने जा रहे एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने चीन जा सकते हैं। 
 

 

 

 

 

 

 

 

 


 

 

 

 

 

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