पाक में इमरान का विरोध शुरू, कट्टरपंथी पार्टी ने किया आजादी मार्च का ऐलान

पाक में इमरान का विरोध शुरू, कट्टरपंथी पार्टी ने किया आजादी मार्च का ऐलान

Bhaskar Hindi
Update: 2019-10-05 16:19 GMT
पाक में इमरान का विरोध शुरू, कट्टरपंथी पार्टी ने किया आजादी मार्च का ऐलान

डिजिटल डेस्क, कराची। पाकिस्तान में तख्ता पलट की शुरुआत हो चुकी है। आर्टिकल-370 को लेकर पूरे विश्व में मुंह की खाने के बाद अब पाकिस्तान में ही इमरान खान की सरकार के खिलाफ आवाज उठने लगी है। सुन्नी कट्टरपंथी दल जमिअत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) ने इमरान सरकार के खिलाफ आजादी मार्च का एलान किया है। यह मार्च 27 अक्टूबर से इस्लामाबाद से शुरू किया जाएगा। 

इस संबंध में जेयूआई-एफ के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने जानकारी देते हुए बताया कि मौजूदा सरकार देश को चला पाने में नाकाम साबित हुई है। पाकिस्तान आज जो आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है, वह प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी सरकार की गलत नीतियों का ही सबूत है। रहमान ने आगे कहा कि पाकिस्तान में कारोबार खत्म हो गया है। ऊंची टैक्स दरों के चलते व्यापारियों ने अपना काम बंद कर दिया है। पाक के धार्मिक हालात को लेकर भी मुसलमानों में गुस्सा है। इसलिए हम 27 अक्टूबर से इस्लामाबाद से आजादी मार्च निकालेंगे। यह मार्च सरकार को उखाड़ फेंकने तक जारी रहेगा। 

नए सिरे से चुनाव की मांग की

पाक मीडिया से बात करते हुए रहमान ने कहा कि मौजूदा सरकार, नकली चुनाव का नतीजा है। सभी विपक्षी पार्टियों ने 25 जुलाई को हुए चुनावों को नकार दिया है और नए सिरे से चुनाव की मांग की है। सरकार की नाकामी के कारण देश आर्थिक संकट में है। इसके खिलाफ हम इस्लामाबाद के डी-चौक पर जमा होंगे। हम आसानी से बिखरने वाले नहीं हैं। इमरान सरकार को उखाड़ फेंकने तक आंदोलन जारी रहेगा।

पाकिस्तान में महंगाई सातवें आसमान पर

इमरान खान ने प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद चीन, सऊदी अरब, यूएई और कतर जैसे पुराने सहयोगियों से कर्ज के लिए गुहार लगाई थी। बीते 8 महीने में अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने के लिए करीब 64 खरब रुपए का कर्ज लिया जा चुका है, लेकिन हालात नहीं सुधरे। पाकिस्तान में मुद्रास्फीति 10% से ऊपर पहुंच गई है और लोग मंहगाई से परेशान हैं। ऐसे में अब पाकिस्तान में ही इमरान सरकार का विरोध शुरू हो गया है। 

एकजुट हुए विपक्षी दल

सूत्रों के मु​ताबिक पाकिस्तान के प्रमुख विपक्षी दलों ने इमरान सरकार के खिलाफ अकेले लड़ाई लड़ने से इनकार कर दिया था। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएलएम-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर इस पर आम सहमति बनाने की बात कही थी। हालांकि, दोनों ही दलों का कहना है कि इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने सत्ता में एक साल पूरा कर लिया है। अब इस अयोग्य और नाकाम सरकार को सत्ता से बेदखल करने में ही देश की भलाई है। 

लोगों का पाक सरकार से उठा विश्वास 
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में जल्द ही पाकिस्तान में तख्ता पलट हो सकता है, क्योंकि इमरान सरकार देश को आर्थिक संकट से नहीं उबार पाई है। वहीं भारत की ओर से कश्मीर में आर्टिकल-370 हटाए जाने के बाद से पूरी दुनिया में पाकिस्तान की छवि और भी खराब हुई है। अन्य देशों से पाकिस्तान के लिए समर्थन जुटाने में इमरान नाकाम साबित हुए हैं। इस कारण अब देश में लोगों का इमरान और उनकी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ पर से विश्वास ढोल गया है।

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