31 अक्टूबर से स्कॉटलैंड में आयोजित होगा COP26 जलवायु शिखर सम्मेलन, राष्ट्रपति पुतिन नहीं होंगे शामिल

शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति 31 अक्टूबर से स्कॉटलैंड में आयोजित होगा COP26 जलवायु शिखर सम्मेलन, राष्ट्रपति पुतिन नहीं होंगे शामिल

IANS News
Update: 2021-10-20 14:30 GMT
31 अक्टूबर से स्कॉटलैंड में आयोजित होगा COP26 जलवायु शिखर सम्मेलन, राष्ट्रपति पुतिन नहीं होंगे शामिल

डिजिटल डेस्क, मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन स्कॉटलैंड के ग्लासगो में सीओपी26 जलवायु शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे। क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति का कार्यालय) ने बुधवार को यह जानकारी दी। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें शामिल नहीं होने के फैसले का कोई कारण नहीं बताया गया है, लेकिन क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा कि जलवायु परिवर्तन रूस के लिए एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता है।

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा, दुर्भाग्य से, पुतिन ग्लासगो के लिए उड़ान नहीं भरेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा, जलवायु परिवर्तन हमारी विदेश नीति की सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं में से एक है। सीओपी26 स्कॉटलैंड के सबसे बड़े शहर में 31 अक्टूबर से 12 नवंबर तक आयोजित होगा। रूस के इस फैसले को बढ़ते वैश्विक तापमान को रोकने के लिए नेताओं को एक नए सौदे पर बातचीत करने के प्रयासों को लेकर एक झटके के रूप में देखा जा रहा है।

पुतिन ने आधिकारिक घोषणा पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन 13 अक्टूबर को मास्को में एक अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा मंच पर बोलते हुए, रूसी नेता ने यात्रा करने के अपने निर्णय में एक कारक के रूप में कोरोनावायरस महामारी का हवाला दिया था। उन्होंने कहा, मुझे अभी तक यकीन नहीं है कि मैं व्यक्तिगत रूप से (सीओपी26 में) भाग लूंगा, लेकिन मैं निश्चित रूप से इसमें भाग लूंगा। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भी शामिल होने की संभावना नहीं है, हालांकि चीनी अधिकारियों ने कथित तौर पर योजनाओं में बदलाव से पूरी तरह इनकार नहीं किया है।

इससे पहले अक्टूबर में, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के इसमें शामिल नहीं होने का संकेत देने के बाद उनकी व्यापक आलोचना की गई थी। हालांकि शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बारे में उन्होंने बाद में घोषणा की कि वह सम्मेलन में जरूर भाग लेंगे। 2015 में पेरिस में ऐतिहासिक वार्ता के बाद से सीओपी26 सबसे बड़ा जलवायु परिवर्तन सम्मेलन है। करीब 200 देशों से 2030 तक उत्सर्जन में कटौती करने की उनकी योजना के लिए कहा जा रहा है।

(आईएएनएस)

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