नेवी जवान के सम्मान में बौद्ध भिक्षु बनेंगे गुफा से निकले जूनियर टीम के खिलाड़ी

नेवी जवान के सम्मान में बौद्ध भिक्षु बनेंगे गुफा से निकले जूनियर टीम के खिलाड़ी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-30 04:49 GMT
नेवी जवान के सम्मान में बौद्ध भिक्षु बनेंगे गुफा से निकले जूनियर टीम के खिलाड़ी
हाईलाइट
  • 18 दिन तक गुफा में फंसे रहे थे बच्चे।
  • टीम के 12 में से 11 बच्चों ने भिक्षु बनने की ओर पहला कदम उठाया है।
  • थाईलैंड की थाम लुआंग गुफा से निकले बच्चे बनेंगे बौद्ध भिक्षु।


डिजिटल डेस्क, बैंकॉक। थाईलैंड की थाम लुआंग गुफा में 18 दिन तक जिंदगी और मौत की जंग लड़ने वाले जूनियर फुटबॉल टीम के खिलाड़ी अब बौद्ध भिक्षु बनेंगे। बच्चे ऐसा नेवी सील जवान के सम्मान में कर रहे हैं। ये वही जवान है जिसने बच्चों को गुफा से निकलने में अपनी जान गंवा दी थी। बीते मंगलवार को टीम के 12 में से 11 बच्चों ने भिक्षु बनने की ओर पहला कदम उठाया। 12 में से 11 बच्चे अब बौद्ध भिक्षु बनेने के लिए अपना नया सफर शुरू करेंगे। सात दिनों तक बौद्ध भिक्षु बनने के लिए बच्चों को सभी नियमों का पालन करना होगा। जिसकी शुरुआत सबसे पहले बच्चों ने अपना सिर मुंडवाकर की है।

 

 

 


थाईलैंड में भिक्षु बनना सम्मान की बात मानी जाती है। ये बच्चे 3 अगस्त को मौनेस्ट्री से निकल कर सामान्य जीवन बिता सकेंगे। फुटबॉल टीम का एक खिलाड़ी अदुल सैम-ऑन ईसाई धर्म को मानता है और उसने भी स्थानीय चर्च में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। 12 बच्चे अपने कोच के साथ तीन हफ्ते तक गुफा में फंसे थे। इनकी उम्र 11 से 16 साल के बीच है। सभी बच्चें अपने कोच के साथ अभ्यास मैच के बाद गुफा देखने गए थे। जिसका लिए प्रशासन ने सेना के साथ मिलकर 8 जुलाई को रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया था। 10 जुलाई तक सभी बच्चों को कोच समेत गुफा से बाहर निकाल लिया गया था। 23 जून को गुफा देखने गई टीम बाढ़ की वजह से फंस गई थी। 9 दिन बाद 2 ब्रिटिश गोताखोरों ने गुफा में फंसे बच्चों को सबसे पहले खोजा था। मुश्किल हालात में भी इतने दिन तक संघर्ष करने वाले टीम के सदस्यों को ब्रिलियंट 13 का नाम दिया गया।

 

 

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