बांग्लादेश बोला- 'भारत, म्यांमार और हमारे साझा दुश्मन हैं रोहिंग्या जिहादी'

बांग्लादेश बोला- 'भारत, म्यांमार और हमारे साझा दुश्मन हैं रोहिंग्या जिहादी'

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-21 13:55 GMT
बांग्लादेश बोला- 'भारत, म्यांमार और हमारे साझा दुश्मन हैं रोहिंग्या जिहादी'

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। लश्कर-ए-तैयबा समर्थित अराकन रोहिंग्या सैल्वेशन आर्मी (ARSA) जैसे जिहादी संगठनों को बांग्लादेश ने भी खतरा बताया है। बांग्लादेश ने कहा रोहिंग्या जिहादी संगठन उसके, भारत और म्यांमार के साझा दुश्मन हैं। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के राजनीतिक सलाहकार और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी तौफीक इमाम ने रोहिंग्या मुद्दे को लेकर पाकिस्तान पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। बांग्लादेशी उच्चायोग द्वारा आयोजित एक सेमिनार में भाग लेने कोलकाता आए तौफीक इमाम ने कहा खुफिया सूचनाओं के अनुसार पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई रोहिंग्या मुद्दे का इस्तेमाल म्यांमार के साथ लगी सीमा पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने के लिए लिए कर रही है। इमाम ने कहा कि आतंकवाद पर बांग्लादेश की नीति जीरो टॉलरेंस वाली है। बांग्लादेश से संचालित होने वाले भारत के उत्तर पूर्व के सभी अतिवादी संगठनों को शेख हसीना के पिछले कार्यकाल में खत्म कर दिया गया था। उन्होंने कहा हम ARSA और दूसरे जिहादी संगठनों के साथ भी ऐसा ही करेंगे। 

जिहाद को हवा दे रही आईएसआई
ARSA का संबंध बांग्लादेश में सक्रिय प्रमुख इस्लामिक आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा से है। इसके साथ ही पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई सन 1969 से ही रोहिंग्या अलगाववाद को हवा दे रही है। इमाम ने आगाह किया आईएसआई एक बार फिर दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण इस हिस्से में जिहाद की जमीन तैयार करने का प्रयास कर रही है। इसी बहाने हसीना सरकार को अस्थिर करने की भी साजिश की जा रही है।

दुर्गापूजा पर कर सकते हैं बड़ी वारदात
बांग्लादेश के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि बांग्लादेशी खुफिया एजेंसियों की सूचनाओं के मुताबिक आईएसआई दुर्गा पूजा के दौरान सांप्रदायिक तनाव फैलाने के लिए रोहिंग्या का इस्तेमाल कर सकती है। इसके बाद सुरक्षा से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा के बाद प्रशासन को सावधान रहने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों को इस बाबत सावधान रहने को कहा गया है। 

साझा सैन्य अभियान की पेशकश
तौफीक इमाम ने बताया कि बांग्लादेश ने म्यांमार को रोहिंग्या जिहादियों के खिलाफ साझा सैन्य अभियान की भी पेशकश की है। हमने म्यांमार से सीमा पर संयुक्त पेट्रोलिंग का भी प्रस्ताव किया था, लेकिन दुख की बात है कि म्यामार ने इस पर सकारात्मक  प्रतिक्रिया नहीं की। शेख हसीना के राजनीतिक सलाहकार इमाम ने कहा रोहिंग्या समस्या बांग्लादेश, भारत और म्यांमार तीनों की सुरक्षा से जुड़ी गंभीर समस्या है। इसका मिलजुल कर ही कोई समाधान निकाला जा सकता है। लेकिन म्यामार का असहयोग इसमें बड़ी बाधा है। यह एक मानवीय समस्या है। इस लिए हम इसकी तरफ पीठ नहीं कर सकते। यही वजह है तमाम खतरों के बावजूद बांग्लादेश ने रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए दरवाजे खोल रखे हैं, लेकिन यह हमारी आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी बड़ी चिंता है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय करे हस्तक्षेप
तौफीक इमाम ने कहा ARSA हमारे लिए नई जिहादी चुनौती है। तमाम खतरों के बावजूद मानवीयता के आधार पर हम रोहिंग्या शरणार्थियों की अनदेखी भी नहीं कर सकते। हमने अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने रोहिंग्याओं के मसले पर म्यांमार सरकार पर दबाव बनाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा जब तक म्यांमार सरकार के रुख में बदलाव नहीं आता, तब तक भारत और बांग्लादेश इस चिंता से मुक्त नहीं हो सकते। उन्होंने अंतराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वह इस मसले में हस्तक्षेप करे।  

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