इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ने खोया ओरिएंटेशन पर से कंट्रोल, रूस ने नई साइंस लैब नौका में आई सॉफ्टवेयर प्रॉबलम को जिम्मेदार बताया

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ने खोया ओरिएंटेशन पर से कंट्रोल, रूस ने नई साइंस लैब नौका में आई सॉफ्टवेयर प्रॉबलम को जिम्मेदार बताया

Bhaskar Hindi
Update: 2021-07-30 15:49 GMT
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ने खोया ओरिएंटेशन पर से कंट्रोल, रूस ने नई साइंस लैब नौका में आई सॉफ्टवेयर प्रॉबलम को जिम्मेदार बताया
हाईलाइट
  • इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के ओरिएंटेशन पर से कंट्रोल खोने की घटना
  • रूसी अधिकारी ने नई साइंस लैब में आई सॉफ्टवेयर प्रॉबलम को जिम्मेदार बताया
  • लॉन्च के आठ दिन बाद गुरुवार को ये लैब स्पेस स्टेशन पहुंची थी

डिजिटल डेस्क, मॉस्को। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के ओरिएंटेशन पर से कंट्रोल खोने की घटना के लिए रूस के एक अधिकारी ने नई साइंस लैब नौका में आई सॉफ्टवेयर प्रॉबलम को जिम्मेदार बताया है। रूस की लंबे समय से विलंबित 22-टन (20-मीट्रिक-टन) प्रयोगशाला को कजाकिस्तान के बैकोनूर में रूसी लॉन्च फैसिलिटी से लॉन्च किया गया था। लॉन्च के आठ दिन बाद गुरुवार को ये लैब स्पेस स्टेशन पहुंची थी।

स्पेस स्टेशन ने रूस की नई साइंस लैब के डॉक होने के कुछ ही घंटों बाद गलती से थ्रस्टर्स के फायर होने की वजह से 47 मिनट के लिए अपने ओरिएंटेशन पर से नियंत्रण खो दिया था। सोलर पैनल से बिजल प्राप्त करने और ग्राउंड कम्युनिकेशन के लिए स्टेशन की पोजिशन काफी महत्वपूर्ण है। ऐसे में ओरिएंटेशन पर से नियंत्रण खोने की वजह से ग्राउंड कंट्रोलर्स के साथ कम्युनिकेशन दो बार कुछ मिनटों के लिए बंद हो गया था।

स्पेस स्टेशन के रशियन सेगमेंट के फ्लाइट डायरेक्टर व्लादिमीर सोलोविओव ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा फेलियर के कारण लैब के इंजनों को चालू करने का एक डायरेक्ट कमांड गलती से इम्पलीमेंट हो गया था। उन्होंने कहा कि इस घटना को स्टेशन पर एक अन्य रशियन कंपोनेंट के प्रपल्शन सिस्टम ने तुरंत काउंटर किया। फिलहाल स्टेशन अपने नॉर्मल ओरिएंटेशन में हैं और इसके सभी सिस्टम नॉर्मली ऑपरेट हो रहे हैं।

नासा ने गुरुवार को कहा कि स्टेशन के ओरिएंटेशन खोने के बावजूद किसी तरह का कोई डैमेज नहीं हुआ। क्रू के लिए भी कोई खतरा नहीं था। इस घटना के कारण नासा ने बोइंग क्रू कैप्सूल के लिए एक रिपीट टेस्ट फ्लाइट स्थगित कर दी  जिसे फ्लोरिडा से शुक्रवार दोपहर के लिए निर्धारित किया गया था। इससे पहले बोइंग का 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित स्टेशन तक पहुंचने का पहला प्रयास भी  सॉफ़्टवेयर प्रॉबलम के कारण विफल हो गया था।

वर्तमान में स्पेस स्टेशन को नासा के अंतरिक्ष यात्री मार्क वंदे हेई, शेन किम्ब्रू और मेगन मैकआर्थर;  रूसी स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस के ओलेग नोवित्स्की और प्योत्र डबरोव; जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के अंतरिक्ष यात्री अकिहिको होशाइड और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के अंतरिक्ष यात्री थॉमस पेस्केट ऑपरेट कर रहे हैं।

1998 में रूस ने स्टेशन का पहला कम्पार्टमेंट ज़ार्या लॉन्च किया था। इसके बाद 2000 में एक और बड़ा पीस ज़वेज्दा लॉन्च किया गया। अगले कुछ वर्षों में तीन छोटे मॉड्यूल लॉन्च किए गए। इनमें से अंतिम मॉड्यूल रासवेट 2010 में स्टेशन पर पहुंचा था। वहीं साइंस लैब नौका का लॉन्च 2007 में निर्धारित किया गया था लेकिन टेक्निकल प्रॉबलम के कारण इसका लॉन्च लगातार डिले होता गया और साल 2021 में संभव हो पाया।

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