नवाज के साथ गए थे जेल, जानिए क्या शख्सियत है PAK PM शाहिद अब्बासी?
नवाज के साथ गए थे जेल, जानिए क्या शख्सियत है PAK PM शाहिद अब्बासी?
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान में पीएम पद से नवाज शरीफ को बर्खास्त किए जाने के बाद उनकी बेटी मरियम और भाई शहबाज समेत कई दावेदारों के नाम सामने आ रहे थे, लेकिन इन सबको पछाड़ते हुए शाहिद खाकान अब्बासी को देश का अंतरिम पीएम बनाया गया। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पीएम पद के लिए शाहिद पर ही भरोसा जताया है। अब्बासी उनकी मंत्रिमंडल में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक संसाधन मंत्री भी रहे हैं। वे नवाज शरीफ के साथ जेल भी जा चुके हैं।
नवाज के साथ गए थे जेल
जिस दौरान जनरल परवेज मुशर्रफ ने तख्ता पलट कर नवाज शरीफ सरकार सत्ता से बाहर किया था, उस दौर में अब्बासी नवाज के काफी करीबी थे। वे उस समय पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के चेयरमैन थे। तख्ता पलट होने के बाद शाहिद को भी गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था। हालांकि दो साल बाद साल 2001 में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था।
इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में मास्टर
27 दिसंबर 1958 को शाहिद खाकान अब्बासी का जन्म पाकिस्तान के मुरी में हुआ था। वह जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल कर चुके हैं। उन्होंने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाई की है।
प्राइवेट एयरलाइन के सीईओ भी हैं
वह साल 1997 से 1999 तक पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के चेयरमैन भी रहे। वह मौजूदा समय में प्राइवेट एयरलाइन "एयर ब्लू" के सीईओ भी हैं। वह साल 1988 में PML-N की सीट से पहली बार चुनकर नेशनल एसेंबली पहुंचे थे। वह साल 2013 में छठवीं बार नेशलन एसेंबली के सदस्य चुने गए हैं।
इसलिए शहबाज नहीं बन पाए पीएम
शुक्रवार को ही नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज को देश का अगला पीएम बनाने का फैसला किया गया था, लेकिन पाकिस्तानी संसद के निचले सदन के सदस्य नहीं होने की वजह से वह फौरन पीएम नहीं बन सकते हैं। यही कारण है कि फिलहाल के लिए पार्टी ने सर्वसम्मति से शाहिद खाकान अब्बासी अंतरिम पीएम चुन लिया।
नवाज की अध्यक्षता में चुने गए पीएम
शनिवार को नवाज शरीफ की अध्यक्षता में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) की बैठक आयोजित की गई। जिसमें सर्वसम्मति से शाहिद खाकान अब्बासी को देश का अंतरिम पीएम बनाए जाने का फैसला लिया गया। अब उनको पीएम पद की शपथ लेने से पहले नेशनल एसेंबली में विश्वास मत हासिल करना होगा। इसके बाद वह सिर्फ 45 दिन तक इस पद पर रहेंगे।