ब्रिटेन : ब्रेक्जिट मुद्दे पर संसद में चार वोटों से हारीं पीएम थेरेसा मे

ब्रिटेन : ब्रेक्जिट मुद्दे पर संसद में चार वोटों से हारीं पीएम थेरेसा मे

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-14 05:16 GMT
ब्रिटेन : ब्रेक्जिट मुद्दे पर संसद में चार वोटों से हारीं पीएम थेरेसा मे

डिजिटस डेस्क, लंदन। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे की सरकार को इस बार ब्रेक्जिट मुद्दे पर संसद में हार का सामना करना पड़ा है। संसद में कल हुए मतदान में हुई हार थेरेसा मे के लिए एक जोरदार झटका है। वह पहले से ही गत जून के चुनाव में अपनी कंजर्वेटिव पार्टी के बहुमत खोने के बाद से कमजोर हो चुकी हैं। 650 सदस्यीय संसद में 305 सांसदों ने यरोपीय संघ से अंतिम निकास समझौते के संशोधन के पक्ष में मतदान किया जबकि 309 इसके विरोध में रहे। थेरेसा मे की सरकार 4 वोट से हार गई। 

 

 

ब्रेक्जिट मुद्दा बना वजह


बता दें कि जब अधिकांश सांसद सरकार पर ब्रेक्जिट ब्लूप्रिंट में बदलाव करने के लिए दवाब डाल रहे थे, तो मंत्री दलील दे रहे थे कि इससे यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने पर खतरा हो सकता है। थेरेसा मे सरकार की टीम अपनी पार्टी के सांसदों को मांग छोड़ देने के लिए समझाती रही। ब्रेक्जिट बातचीत में अपना पक्ष कमजोर होने की आशंका को लेकर उन्हें सरकार का साथ देने की कोशिश करते रहे। एक सरकारी प्रवक्ता ने कल संसद में हुए मतदान को "निराशाजनक" करार दिया।

 


ब्रेक्जिट के मुद्दे पर केवल संसद ही नहीं, बल्कि सत्तारुढ़ कंजर्वेटिव के साथ-साथ मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी और पूरे देश में गहरा विभाजन है। इसने थेरेसा मे की कमजोरी को भी उजागर किया है। यूरोपीय संघ से वापसी संबंधी विधेयक पर भी एक सप्ताह से संसद में तीखी बहस होती रही। अंतिम ब्रेक्सिट समझौते पर "सार्थक वोट" हासिल करने के लिए सांसदों ने सवाल उठाए थे कि क्या थेरेसा मे संसद में बहुमत हासिल कर सकती हैं।

 

व्यक्तिगत तौर पर सपोर्ट करने की अपील

प्रधान मंत्री थेरेसा मई को हार का सामना करना पड़ा, क्योंकि यूरोपीय संघ के समर्थकों ने अपनी पार्टी में संसद में एक वोट में अपना आदेश नहीं दिया। इससे पहले थेरेसा में एक यूरोपीय शिखर सम्मेलन में गई थीं। ब्रेक्जिट वार्ता के बीच आयरलैंड को ब्रिटेन पर सत्ता पकड़ने का दुर्लभ मौका मिला है। सरकार ने ब्रेक्सिट के लिए तैयारियों के स्तर पर संदेह का सामना किया। थेरेसा मे ने व्यक्तिगत तौर पर संसद में अपने मंत्रियों से उन्हें सपोर्ट करने की अपील की। 

 

मंत्रियों ने पूरा दिन विरोधियों को खरीदने के लिए प्रस्ताव देने में बिता दिया। थेरेसा में उस समय बहुत ही कमजोर स्थिति में थीं। वह खुद अपने संसदीय दल को नियंत्रित करने की स्थिति में नहीं थीं।  


 

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