अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पाकिस्तान ने मानी आईएमएफ की शर्त, घटाया देश का रक्षा बजट

कर्ज के लिए गिड़गिड़ा रहा पाक अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पाकिस्तान ने मानी आईएमएफ की शर्त, घटाया देश का रक्षा बजट

Anupam Tiwari
Update: 2022-07-06 13:51 GMT
अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पाकिस्तान ने मानी आईएमएफ की शर्त, घटाया देश का रक्षा बजट

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान इन दिनों आर्थिक संकट के परेशान है। श्रीलंका के बाद पाकिस्तान भी आर्थिक संकटे के साथ-साथ महंगाई व ईधन जैसे संसाधनों की कमी से परेशान है। पेट्रोल व डीजल के दाम तो आसमान छू रहे हैं, बेरोजगारी भी अपने चरम पर है।

पाकिस्तान की आर्थिक संकट का असर सेना पर भी दिखने लगा है। आईएमएफ की तरफ से दिए गए कर्ज के दौरान एक शर्त रखी गई थी कि पाक को नए वित्तीय वर्ष में बजट का सरप्लस रखना है। इस शर्त को पूरा करने के लिए पाकिस्तान ने अपने सैन्य बजट को कम करने का फैसला लिया है। 

पिछले माह बढ़ाया गया था सैन्य बजट 

गौरतलब है कि पाकिस्तानी सरकार की तरफ से सैन्य बजट में जबरदस्त बढ़ोत्तरी की गई थी। तब सरकार की खूब आलोचना भी हुई थी कि पाकिस्तान में जनता परेशान है और पाक अपने सारे धन सैन्य बजट में लगा रहा। बीते माह 10 जून को नेशनल असेंबली में पेश किए गए बजट में सेना पर 363 अरब रूपए खर्च करने का ऐलान किया गया था। लेकिन अब यह खर्चा घटाकर 291 अरब रूपए कर दी गई है। इस प्रकार पाकिस्तान ने अपने रक्षा बजट में 20 फीसदी तक की कटौती कर दी है। पाक के वित्त मंत्रालय ने संशोधित बजट को संसद से मंजूरी मिलने के बाद यह जानकारी दी है। 

पेट्रोल व डीजल की कीमतों में भारी उछाल

पाकिस्तानी अखबार द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त मंत्रालय अधिकारियों का कहना है कि आईएमएफ की ओर से तय किए लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने तय किया है कि वित्त वर्ष में प्राइमरी बजट सरप्लस 153 अरब रुपये रहे। पाकिस्तान आईएमएफ की शर्तो को मद्देनजर रखते हुए पेट्रोल व डीजल की कीमतों में एकमुश्त 35 रूपए की बढ़ोत्तरी की थी। इस फैसला पर पाकिस्तान की जनता ने विरोध जताया और पूर्व पीएम इमरान खान ने शहबाज सरकार पर जमकर हमला बोला। 

पाक को आईएमएफ ने दी थी सलाह

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की तरफ से पाकिस्तान को भ्रष्टाचार पर कड़े कदम उठाने के लिए नसीहत दी गई है। आईएमएफ का कहना है कि पाकिस्तान को अपने भ्रष्टाचार निरोधक कानूनों की समीक्षा करनी होगी और उन्हें सख्त बनाना होगा। आईएमएफ का ये भी कहन है कि पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय एक्सपर्ट्स से विचार-विमर्श कर भ्रष्ट्राचार को लेकर कड़े कानून बनाने चाहिए। जिससे पाक में इस पर लगाम लगाया जा सके।

 


 

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