Final presidential debate: क्लाइमेट चेंज पर बोलते हुए ट्रंप ने की भारत की आलोचना, कहा- 'वहां हवा कितनी गंदी है'

Final presidential debate: क्लाइमेट चेंज पर बोलते हुए ट्रंप ने की भारत की आलोचना, कहा- 'वहां हवा कितनी गंदी है'

Bhaskar Hindi
Update: 2020-10-23 05:54 GMT
Final presidential debate: क्लाइमेट चेंज पर बोलते हुए ट्रंप ने की भारत की आलोचना, कहा- 'वहां हवा कितनी गंदी है'
हाईलाइट
  • अमेरिका में चुनाव से पहले फाइनल प्रेसिडेंशियल डिबेट

डिजिटल डेस्क, नैशविल। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन के बीच शुक्रवार को हुई आखिरी प्रेसिडेंशिल डिबेट में ट्रम्प ने भारत की आलोचना की। क्लाइमेट चेंज पर बहस के दौरान ट्रंप ने कहा, "चीन को देखो कितना प्रदूषण है। रूस को देखो, भारत को देखो, यहां आबोहवा कितनी खराब है। अमेरिकी में सबसे अच्छी हवा, सबसे साफ पानी है। यहां कार्बन उत्सर्जन कम करने के सबसे बेहतर उपाय हैं।" ट्रम्प ने यह भी कहा कि खरबों पेड़ लगाने का प्रोग्राम चला रहे हैं। मुझे पर्यावरण से प्यार है। मैं एकदम साफ हवा और पानी देना चाहता हूं। हमने बीते 35 साल में सबसे कम कार्बन उत्सर्जन किया है। बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 3 नवंबर को है।

क्लाइमेट चेंज एक बड़ा मुद्दा
जो बिडेन ने कहा, क्लाइमेट चेंज एक बड़ा मुद्दा है। ट्रम्प इसको मजाक में लेते हैं। यह पूरी मानवता के लिए खतरा है। मैंने इस पर प्लान तैयार किया है। एक्सर्ट्स से बातचीत की है। इसके जरिए हम नई नौकरियां भी देंगे। हम ऑयल एनर्जी की जगह रीन्यूअल एनर्जी (अक्षय ऊर्जा) पर फोकस करना चाहते हैं। ट्रंप ने कहा, "हमने कई नियम बनाए हैं। साफ़ हवा की बात मैं बाइडन से कहीं अधिक जानता हूं। अमरीका में कार्बन उत्सर्जन सबसे कम हैष भारत, चीन और रूस को देखिए, उन्होंने हवा ज़्यादा ख़राब की है। वो इसकी लड़ाई में रिकॉर्ड ख़राब कर रहे हैं। बाइडन ने कहा, क्लाइमेट चेंज बड़ा मुद्दा है लेकिन ट्रम्प इसे मजाक में लेते हैं जबकि यह पूरी मानवता के लिए ख़तरा है। हमने इस पर योजना तैयार की है। इसके जरिए जॉब्स भी दिए जाएंगे। हम ऑयल एनर्जी की जगह अक्षय ऊर्जा पर फ़ोकस करना चाहते हैं।

कोरोनावायरस की स्थिति को लेकर शुरू हुई डिबेट
जो बाइडन: नैशविल में प्रेसिडेंशिल डिबेट की शुरुआत कोरोनावायरस के बाद की स्थिति को लेकर शुरू हुई। जो बाइडन ने कहा कि ट्रम्प प्रशासन महामारी के कारण पैदा हुई स्थिति को संभालने में नाकाम रहा है। अमरीका में अब तक कोरोना वायरस से 2,22,000 लोगों की मौत हो चुकी है और 8.4 मिलियन से अधिक लोग अब भी इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। बीते महीने दोनों के बीच हुई बहस के बाद से 16 हज़ार अमरीकी लोगों को कोरोना वायरस से मौत हुई है। 

डोनाल्ड ट्रम्प: महामारी से आगे के मुक़ाबले के सवाल पर ट्रंप ने कहा, "देश में कोरोना वायरस के मामलों के उछाल आना अब ख़त्म हो गया है। बाकी जगहों पर भी यह जल्द ही चला जाएगा। कुछ ही हफ़्तों में इसकी वैक्सीन भी हमारे पास होगी। हमारी सेना इसे लोगों तक पहुंचाएगी। मैं अपने अनुभव से कह रहा हूं... मुझे यह हुआ था और मैं इस बीमारी से ठीक भी हो गया। कोविड-19 ख़त्म हो रहा है। ट्रम्प ने कहा, मैं कहता हूं कि हमें इसके साथ जीना होगा, हमारे पास कोई विकल्प नहीं है. हम जो बाइडन की तरह खुद को बेसमेंट में बंद नहीं कर सकते।

जो बाइडन: बाइडन ने कहा, ट्रंप कहते हैं कि हमें इसके साथ जीना सीखना होगा। लेकिन लोग तो मरना सीख रहे हैं। आप लोग अपने घरों में सुबह रसोई की मेज पर एक कुर्सी खाली रखेंगे। जो आदमी या उसकी पत्नी आज बिस्तर पर सोने जा रहे हैं, आदतन एक दूसरे को छुने की कोशिश करेंगे। फिर उन्हें अहसास होगा कि उनका साथी तो गुजर चुका है। इसके साथ ही रहना सीखें? अरे... (19 साल की उम्र में भी) लोग इसके साथ मर रहे हैं। यह ख़तरनाक है और आप कहते हैं कि मैं कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेता। बाइडन ने कहा, इस साल के अंत तक अमरीका में दो लाख और मौतें होने का अनुमान है। अगर हम यह मास्क पहनते रहेंगे, हम क़रीब एक लाख लोगों की ज़िंदगी बचा लेंगे। लेकिन हमारे राष्ट्रपति के पास इसके लिए कोई व्यापक योजना नहीं है।

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