पाक का दावा- अफगानिस्तान में शांति के लिए ट्रंप ने मांगी पीएम इमरान से मदद

पाक का दावा- अफगानिस्तान में शांति के लिए ट्रंप ने मांगी पीएम इमरान से मदद

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-03 15:34 GMT
पाक का दावा- अफगानिस्तान में शांति के लिए ट्रंप ने मांगी पीएम इमरान से मदद
हाईलाइट
  • अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने उनके देश से सहायता मांगी है।
  • पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने सोमवार को इस बात की पुष्टी की।
  • फवाद ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पाक पीएम इमरान खान को पत्र लिखा है।

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने दावा किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने उनके देश से सहायता मांगी है। पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने सोमवार को कहा कि ट्रंप ने पाक पीएम इमरान खान को एक पत्र लिखा है। फवाद के अनुसार इस पत्र में ट्रंप ने पाक पीएम से पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान में शांति का माहौल बनाए रखने के लिए मदद मांगी है। इमरान के प्रधानमंत्री बनने के बाद से यह उनके और ट्रंप के बीच पहली डायरेक्ट कम्यूनिकेशन है।

फवाद ने कहा, "अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पाक पीएम इमरान खान को पत्र लिखा। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका के लिए पाकिस्तान से संबंध काफी महत्वपूर्ण है। ट्रंप ने लिखा कि अमेरिका के लिए यह जरूरी है कि वह अफगानिस्तान में चल रहे संघर्ष का समाधान निकाले। इसमें पाकिस्तान बड़ी भूमिका निभा सकता है। हम चाहते हैं कि पाकिस्तान इस मामले में अमेरिका को सहयोग दे।" हालांकि इस्लामाबाद स्थित यूएस एंबैसी ने इस पत्र का कोई जवाब नहीं दिया है।

ट्रंप का यह पत्र उस वक्त आया है, जब एक तरफ अमेरिका ने पाकिस्तान को आर्थिक सहायता देने से भी मना किया हुआ है। पिछले महीने ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका के अरबों डॉलर की सहायता राशि के बावजूद पाकिस्तान यूएस के लिए कुछ नहीं करता। ट्रंप ने कहा था कि पाकिस्तानी अधिकारियों को अल कायदा के पूर्व चीफ ओसामा बिन लादेन का पता मालूम था, फिर भी वह इससे इनकार करता रहा।

बता दें कि ट्रंप अफगान सुरक्षा बलों और तालिबान आतंकवादियों के बीच 17 साल से चले आ रहे युद्ध को खत्म करना चाहते हैं। तालिबानी लड़ाके, अंतर्राष्ट्रीय सेना को बाहर निकालने और खुद से बनाया इस्लामिक कानून लागू करने के लिए लड़ रहे हैं। अमेरिकी अधिकारी चाहते हैं कि पाकिस्तान तालिबान आतंकियों से बात करे और उसे वॉशिंगटन से शांति पूर्वक बात करने के लिए मनाए। वॉशिंगटन का कहना है कि पाकिस्तान में भी तालिबान के कई लोग मौजूद हैं और वह यह कर सकता है। पिछले हफ्ते अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा था कि उन्होंने तालिबान से शांति वार्ता के लिए 12-स्ट्रॉन्ग टीम बनाई थी। हालांकि गनी ने यह भी चेतावनी दी थी कि तालिबान से किसी भी सौदे को पूरा करने में कम से कम पांच साल लगेंगे।  
 

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