Spying Case: भारत के कदम से बौखलाया पाकिस्तान, इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास के अधिकारी को समन भेजा

Spying Case: भारत के कदम से बौखलाया पाकिस्तान, इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास के अधिकारी को समन भेजा

Bhaskar Hindi
Update: 2020-06-01 04:58 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में पाकिस्तान हाई कमीशन के तीन स्टाफ मेंबरों को जासूसी करते रंगे हाथों पकड़े जाने से पाकिस्तान बौखला गया है। पकड़े गए स्टाफ मेंबरों में दो वीजा ऑफिसर और एक ड्राइवर है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने दोनों ऑफिसर्स को भारत ने पर्सन नॉन-ग्रेटा घोषित किया है जिसके तहत इन्हें 24 घंटे के अंदर भारत छोड़ना होगा। भारत के इस कदम के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास के अधिकारी को समन भेजा है। वहीं पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने भारत के लगाए गए आरोपों को गलत बताते हुए इसे वियना संधि का उल्लंघन बताया है।

बता दें कि मिलिट्री इंटेलिजेंस और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के जॉइंट ऑपरेशन में रविवार को तीनों स्टाफ मेंबरों को पकड़ा था। इनमें दो वीजा अधिकारी और एक ड्राइवर है।दोनों वीजा ऑफिसर आबिद हुसैन और महोम्मद ताहिर पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी ISI के अधिकारी है। जासूसी का शक होने के बाद से लंबे समय से इन ऑफिसर्स पर नजर रखी जा रही थी। 42 वर्षीय आबिद हुसैन पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित शेखपुरा जिला जबकि 44 वर्षीय मोहम्मद ताहिर इस्लामाबाद का रहने वाला है। दोनों दिल्ली की सड़कों पर खुलेआम घूमते थे और जासूसी करते थे, लेकिन फर्जी आईडी बनाकर खुद को भारतीय बताते थे। 

नई दिल्ली के करोल बाग से पकड़े गए दोनों अधिकारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों ने पकड़े जाने के बाद शुरू में दावा किया कि वे भारतीय नागरिक है और नकली आधार कार्ड भी दिखाया। बाद में पूछताछ के दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि वे पाकिस्तान हाई कमीशन में अधिकारी है और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के लिए काम करते हैं। दिल्ली पुलिस ने बताया कि दोनों को एक भारतीय से संवेदनशील दस्तावेज हासिल करते हुए नई दिल्ली के करोल बाग पकड़ा गया। आबिद हुसैन वीजा सेक्शन में काम करता था और दिसंबर 2018 में भारत आया था। जबकि ताहिर खान, आबिद हुसैन का असिस्टेंट था। वह अक्टूबर 2015 से भारत में है। ये दोनों लगातार सेना, रेलवे और दूसरे सरकारी विभागों से गोपनीय जानकारियों को जुटा रहे थे।

दोनों अधिकारी पर्सन नॉन-ग्रेटा घोषित
विदेश मंत्रालय ने दोनों अधिकारियों को पर्सन नॉन-ग्रेटा (अवांछित व्यक्ति) घोषित कर दिया है। अब दोनों को 24 घंटे के अंदर भारत छोड़ना होगा। दोनों पाकिस्तानी अधिकारियों की भारत विरोधी गतिविधियों पर विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी हाई कमीशन में कड़ी आपत्ति दर्ज करवाई गई है। हाई कमीशन को दो टूक कहा गया है कि भारत में रहकर भारत की सुरक्षा के खिलाफ इस तरह की हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इससे पहले 2016 में भी इस तरह की घटना हुई थी। तब भारत में पाकिस्तानी हाई कमिशन में काम करने वाले महमूद अख्तर को अवैध तरीके से संवेदनशील दस्तावेज हासिल करने के आरोप में पकड़ा था। महमूद अख्तर ने भारतीय अधिकारियों को पूछताछ के दौरान बताया था कि वो ISI के लिए काम करता है।

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