यूएस-ईरान तनाव: ट्रंप बोले- जब तक मैं राष्ट्रपति हूं, ईरान परमाणु हथियार नहीं बना सकेगा

यूएस-ईरान तनाव: ट्रंप बोले- जब तक मैं राष्ट्रपति हूं, ईरान परमाणु हथियार नहीं बना सकेगा

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-08 16:41 GMT
यूएस-ईरान तनाव: ट्रंप बोले- जब तक मैं राष्ट्रपति हूं, ईरान परमाणु हथियार नहीं बना सकेगा
हाईलाइट
  • कासिम सुलेमानी को पहले मार देना चाहिए था
  • ट्रंप ने कहा
  • मिसाइल हमले में हमारा कोई सैनिक नहीं मारा गया

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। ईरान-अमेरिका तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मीडिया के जरिए बुधवार को कहा कि जब तक वे अमेरिका के राष्ट्रपति हैं, ईरान को परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देंगे। उन्होंने कहा कि "ईरान के मिसाइल हमले में किसी भी अमेरिकी को कोई नुकसान नहीं हुआ है। बुधवार रात ईरान की ओर से जो हवाई हमला हुआ था, उसमें किसी भी अमेरिकी या इराकी शख्स की जान नहीं गई है और हमारे सभी सैनिक सुरक्षित हैं। थोड़ा बहुत नुकसान सैन्य ठिकानों को हुआ है।"

ट्रंप ने कहा कि, "कासिम सुलेमानी आतंकी था, उसे पहले ही खत्म कर देना चाहिए था और हमने उसे खत्म कर दिया। वह ईरान की सेना का मुखिया था और वो ऐसी गतिविधियों में शामिल था, जो सही नहीं थी। सुलेमानी ने हिज्बुल्ला को बढ़ावा दिया। वह कई हमलों का मास्टर माइंड था। उसकी वजह से हजारों अमेरिकी सैनिकों की जान गई। हम ईरान पर और कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने जा रहे हैं और ये प्रतिबंध तब तक जारी रहेंगे जब तक ईरान अपना रवैया बदलता नहीं है। अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में हमारे जहाज तैनात रहेंगे।"

 

 

ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने के रास्ते से हटना होगा
ट्रंप ने कहा कि, "ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने के रास्ते से हटना होगा। अब वक्त आ गया है कि अमेरिका, रूस, फ्रांस और जर्मनी को यह समझना होगा कि हमें मिलकर काम करना है। हमें एक ऐसा समझौता करना होगा, जिससे ईरान भी तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ सके। ईरान में एक महान देश बनने की सारी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि हमें अब मध्य पूर्व के तेल की जरूरत नहीं है और अमेरिका की अर्थव्यवस्था काफी मजबूत हो चुकी है।"

ईराक में अमेरिकी बेस पर ईरान ने दागीं थी मिसाइलें
गौरतलब है कि ईरान ने बगदाद में जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद बुधवार सुबह इराक के अल-असद बेस और इरबिल स्थित अमेरिकी बेस पर 22 बैलिस्टिक मिसाइल दागीं थीं। इसके बाद ईरान ने दावा किया था कि उसने कुल 22 मिसाइलें दागीं, जिसमें 80 अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने कहा कि इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला उनके लिए करारा तमाचा है। अमेरिकी सेना को पश्चिम एशिया क्षेत्र को छोड़ना होगा। ईरान के निशाने पर अभी 100 अमेरिकी ठिकाने और हैं। अगर अमेरिका ने पलटवार की कोशिश की, तो वह इन ठिकानों पर हमला करेगा।

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