US Work Visa: कोरोना संकट के बीच IT प्रोफेशनल्स को बड़ा झटका, ट्रंप ने H1-B वीजा का सस्पेंशन बढ़ाया

US Work Visa: कोरोना संकट के बीच IT प्रोफेशनल्स को बड़ा झटका, ट्रंप ने H1-B वीजा का सस्पेंशन बढ़ाया

Bhaskar Hindi
Update: 2020-06-23 05:56 GMT
US Work Visa: कोरोना संकट के बीच IT प्रोफेशनल्स को बड़ा झटका, ट्रंप ने H1-B वीजा का सस्पेंशन बढ़ाया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच अमेरिका ने H1-B और L1 समेत अन्य तरह के कामकाजी वीजा का सस्पेंशन इस साल के अंत तक के लिए आगे बढ़ा दिया है। ट्रंप सरकार के इस फैसले से अमेरिका में काम करने की इच्छा रखने वाले भारतीयों समेत दुनिया के तमाम आईटी प्रोफेशनल्स को बड़ा झटका लगा है। महामारी के इस दौर में अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा लिए गए इस फैसले के खिलाफ सोशल मीडिया पर आवाजें उठ रही हैं। आम लोगों से लेकर गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, अमेरिकी नेता तक इसका विरोध कर रहे हैं।

ट्रंप प्रशासन के मुताबिक यह फैसला अमेरिकी श्रमिकों के हित के लिए लिया गया है। डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा था कि, यह कदम उन अमेरिकियों की मदद करने के लिए जरूरी था, जिनकी मौजूदा आर्थिक संकट के कारण नौकरी चली गई है। बता दें कि, ट्रंप के इस फैसले का असर उनपर नहीं पड़ेगा जिनके पास पहले से यूएस का वीजा है। अमेरिकी सरकार का कहना है, इन वीजा पर लगी अस्थाई रोक से अमेरिका में 5.25 लाख नौकरियों की जगह खाली होगी और अपनी नौकरी गंवा चुके अमेरिकी नागरिकों को रोजगार मिलेगा।

सुंदर पिचाई फैसले के खिलाफ
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने ट्रंप प्रशासन के इस फैसले को गलत बताया है। उन्होंने कहा, इमिग्रेशन की वजह से अमेरिका को बहुत फायदा हुआ है। इसकी वजह से वह ग्लोबल टेक लीडर बना। अमेरिका का यह फैसला निराश करने वाला है।

अमेरिका के नेताओ ने भी ट्रंप के इस फैसले को गलत बताया है। डिक डर्बिन ने ट्विटर पर लिखा, यह गलत तरीका है। इसमें H1B में बदलाव करने हैं न ही इसे खत्म करना है। एक अन्य ने कहा, ट्रंप सरकार को समझना चाहिए कि यह वीजा अमेरिका की कमजोरी नहीं ताकत है, क्योंकि इससे उसे कुशल काम करनेवाले मिलते हैं। 

 

 

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