ईरान से तेल आयात को लेकर भारत समेत आठ देशों को छूट देगा अमेरिका

ईरान से तेल आयात को लेकर भारत समेत आठ देशों को छूट देगा अमेरिका

Bhaskar Hindi
Update: 2018-11-02 13:41 GMT
ईरान से तेल आयात को लेकर भारत समेत आठ देशों को छूट देगा अमेरिका
हाईलाइट
  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत का ईरान से तेल इंपोर्ट को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है।
  • जानकारी के अनुसार अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो जल्द ही इसकी घोषणा करेंगे।
  • ट्रंप प्रशासन ने भारत को ईरान से तेल आयात के लिए छूट देने का फैसला किया है।

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत का ईरान से तेल इंपोर्ट को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। ट्रंप प्रशासन ने भारत को ईरान से तेल आयात के लिए छूट देने का फैसला किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। बता दें कि भारत समेत कई देशों को अमेरिका ने 4 नवंबर का अल्टिमेटम दिया था और कहा था कि इस तारीख तक सभी देशों को ईरान से अपने संबंध खत्म करने होंगे। ईरान पर अमेरिका के प्रतिबंधों का दूसरा चरण 4 नवंबर से लागू हो जाएगा।

अमेरिका ने भारत के अलावा जापान और दक्षिण कोरिया को भी ईरान से तेल इंपोर्ट करने को लेकर छूट दी है। ईरान से तेल का सबसे बड़ा आयातक चीन ने भी अमेरिका से इस मसले पर बातचीत की थी और छूट की मांग की थी। इसे कुछ हद तक अमेरिका ने स्वीकार भी किया है। इन चार देशों के अलावा चार अन्य देश और भी हैं जिनपर अमेरिका ने नर्मी दिखाई है।

जानकारी के अनुसार अमेरिका ने फिलहाल यह नहीं बताया कि ईरान से कितनी मात्रा में तेल आयात करने की छूट दी जाएगी, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने यह जरूर बता दिया है कि यह छूट अस्थाई होगी। अमेरिका चाहता है कि ईरान पर लगे बैन का सही नतीजा सामने आए। इसलिए छूट पाने वाले सभी देशों को धीरे-धीरे तेल आयात को कम करना होगा। भारत ने भी ट्रंप प्रशासन के सामने यही दलील पेश की थी कि ईरान का एकबार बहिष्कार करने से तेल की कीमतें आसमान छूने लगेंगी और इसका असर तेल आयात करने वाले देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।

इससे पहले अमेरिका ने भारत पर रूस से S-400 मिसाइल खरीदने पर भी नरमी दिखाई थी। रूस के खिलाफ अमेरिका पहले से ही काउंटरिंग अमेरिका एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन एक्ट (CAATSA) जैसा सख्त कानून लगा चुका है। CAATSA के तहत अमेरिकी प्रशासन को रूस के साथ डिफेंस या इसके अलावा कोई भी खुफिया डील करने वाले देश और संस्था पर दंडित करने का अधिकार है। इसके बावजूद भारत ने रूस से यह डील किया था। इस डील पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि प्रतिबंध को लागू करने का मकसद अपने सहयोगियों और पार्टनरों की सैन्य क्षमताओं को डैमेज करना नहीं है।

बता दें कि  इराक और सऊदी अरब के बाद ईरान, भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है। अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 तक ईरान ने भारत को 1.84 करोड़ टन कच्चे तेल की आपूर्ति की है। इसी साल मई 2018 में अमेरिका ने ईरान के साथ 2015 की न्यूक्लियर डील तोड़ दी थी। साथ ही ईरान पर फिर से नए आर्थिक प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर दिया था। यह प्रतिबंध दो चरणों में लागू करने की घोषणा की थी। सात अगस्त को प्रतिबंध का पहला चरण लागू हो चुका है और चार नवंबर को दूसरा सेट लागू किया जाएगा। पहले अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच ईरान से व्यापारिक रिश्ते कायम रखने वाले मुट्ठीभर देशों में भारत भी एक था।
 

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