धधक रहा यरुशलम, सेना की गोली से दो फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत

धधक रहा यरुशलम, सेना की गोली से दो फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-09 03:20 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप के यरुशलम को इजराइल की राजधानी बनाए जाने के फैसले का चौतरफा विरोध हो रहा है। आलम ये है कि हिंसा की आग में यरुशलम भड़क रहा है। शुक्रवार को पश्चिमी तट और गाजा में फिलिस्तीनियों और इजरायली सैनिकों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। इस दौरान इजरायली सैनिकों की गोलियों से फिलिस्तीन के 2 नागरिकों के मारे जाने की खबर है।

 

पैरों से कुचले जा रहे ट्रंप के पोस्टर


पश्चिम तट पर प्रदर्शन करते हुए फिल्स्तीनियों के सैनिकों पर जमकर पत्थर बरसाने की भी खबर है। प्रदर्शनकारियों ने इजरायली और अमेरिकी झंडे जलाए है। डोनाल्ड ट्रंप के पोस्टरों को पैरों से कुचलकर गुस्से का इजहार किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान टायर भी जलाए, जिसका धुंआ रामल्ला और बेथलहेम के ऊपर छा गया।  

कई नागरिक जख्मी


गाजा और इजराइल की सीमा पर भी झड़पो की खबर मिल रही है। अधिकारियों के मुताबिक हिंसा को काबू करने के लिए छोड़े गए आंसू गैस के गोलों के कारण दर्जनों लोग घायल हो गए। वहीं 3 फिलिस्तीनियों के जिंदा कारतूस से जख्मी होने की खबर है। 12 को रबर पैलेट भी लगी है।

 

 

कश्मीर में भी प्रदर्शन


डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले का असर अन्य देशों में भी देखने को मिल रहा है। ट्रंप के इस फैसले के विरोध में भारत के कश्मीर में भी प्रदर्शन देखने को मिला। अधिकारियों के मुताबिक जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शनकारियों ने यरुशलम को इजाराइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के ट्रंप के फैसले की निंदा की और अमेरिका विरोधी नारे लगाए। शहर के मैसूमा, छत्ताबल, हसनाबाद और अबीगुजर इलाकों में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किए गए।

 

 

शांति के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध


वाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा, "राष्ट्रपति ने अपनी टिप्पणी में कहा कि हमेशा से शांति प्रक्रिया के प्रति हमारी प्रतिबद्ध रही है और हम इसे उन संवादों एवं चर्चाओं में भी लगातार आगे बढ़ाना चाहते हैं। आशा करते हैं कि सभी पक्षों का अंतिम लक्ष्य शांति समझौते तक पहुंचना है और इसे लेकर अमेरिका बहुत प्रतिबद्ध है। 

 

 

इजरायली प्रधानमंत्री ने बताया ऐतिहासिक फैसला


इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रंप के इस फैसले में ऐतिहासिक फैसला बताया। साथ ही अन्य देशों से भी इसका अनुशरण करने को कहा। वहीं तुर्की के राष्ट्रपति रजब तयब एर्दोआन ने आगाह करते हुए कहा कि ट्रंप के इस फैसले ने हिंसा को जन्म दे दिया है। इससे क्षेत्र आग के गोले मे बदल जाएगा। 

दुनिया के पुराने शहरों में से एक


गौरतलब है कि, दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से यरुशलम एक है। अरब इजराइल के बीच हुए युद्ध के बाद साल 1948 में इस शहर को पूर्वी और पश्चिमी तटों में बांट दिया गया था। शहर को बांटने के लिए हरी लकीर खींची गई थी। जो कि दोनों तरफ की सेनाओं को एक दूसरे से दूर रखने के लिए थी।

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