तालिबान के लड़ाकों ने कंधार को चारों ओर से घेरा, कब्जा जमाने की फिराक, अफगान आर्मी ने संभाला मोर्चा

तालिबान के लड़ाकों ने कंधार को चारों ओर से घेरा, कब्जा जमाने की फिराक, अफगान आर्मी ने संभाला मोर्चा

Bhaskar Hindi
Update: 2021-07-20 07:16 GMT
तालिबान के लड़ाकों ने कंधार को चारों ओर से घेरा, कब्जा जमाने की फिराक, अफगान आर्मी ने संभाला मोर्चा
हाईलाइट
  • अफगानिस्तान के कंधार शहर पर भी कब्जा जमा रहा है तालिबान
  • अफगानिस्तान के ज्यादतर हिस्से पर तालिबान का कब्जा
  • तालिबान के खिलाफ अफगान आर्मी ने संभाला मोर्चा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तालिबान ने अफगानिस्तान के ज्यादातर हिस्से पर कब्जा जमा लिया है। अब उसकी नजर अफगानिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर कंधार पर है। तालिबान के लड़ाकों ने शहर को चारों ओर से घेर लिया है और अंदर घुसने की फिराक में हैं। लेकिन, अफगान अर्मी उन्हें रोकने और लोगों को बचाने की कोशिश में जुटी है। अफगानिस्तान में इस समय युद्ध जैसे हालत बन चुके हैं।

62 लाख की आबादी वाले कंधार शहर के पास बने ज्यादातर चेक पोस्ट और पुलिस स्टेशन को तालिबान अपने कब्जे में ले चुका है। तालिबान की नजर कंधार की जेल पर है। तालिबान यहां से राजनीतिक बंदियों को छुड़वाने की मांग करता रहा है। 600 से ज्यादा राजनीतिक बंदी यहां कैद है। जिनमें कई को कंधार जेल से काबुल में ट्रांसफर किया गया है। कंधार के दक्षिणी इलाके तालिबान और आर्मी के बीच जंग चल रही है।

अफगानिस्तान में बड़ते तालिबान के खतरे को देखते हुए भारत, ईरान समेत कई देशों ने अपने अधिकारियों को बुला लिया है। कंधार में सिर्फ पाकिस्तान का कोन्सुलेट काम कर रहा है। आसपास के लोगों का कहना है कि कंधार में तालिबानियों की संख्या बहुत ज्यादा है और उनकी आस पास के कई इलाको में स्थिति मजबूत हुई है। गौरतलब है कि तालिबानी लड़ाके कंधार में पाकिस्तान से गाड़ियों में भरकर आ रहे हैं। अभी हाल ही में एक भारतीय फोटोग्राफर दानिश की मौत कंधार में तालिबान के हमले से हो गई थी।

अफगानिस्तान सरकार पाकिस्तान पर लगातार आरोप लगा रही है कि पाकिस्तान तालिबान की मदद कर रहा है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान से अपने राजदूतों और सभी राजनयिकों को वापस बुला लिया है। सभी राजदूत और राजनयिक पाकिस्तान छोड़ अफगानिस्तान वापस जा रहे हैं। तालिबान की बढ़ती हुकुमत को देखते हुए आम लोगों गांवों से बड़े शहरों की ओर भाग रहे हैं। ज्यादातर लोग काबुल और कंधार की ओर भाग रहे हैं। यहां पर लोगों की सुरक्षा के लिए अफगान आर्मी पहले से मौजूद है। वहीं, जिन लोगों को मौका मिल रहा है वो देश छोड़कर विदेश की ओर जा रहे हैं।

ईद की नमाज के दौरान मंगलवार को अफगान प्रेसिडेंशियल पैलेस के पास तीन राकेट गिरे। जब ये हमला हुआ तक राष्ट्रपति अशरफ गनी और दूसरे वरिष्ठ नेता और अधिकारी ईद की नमाज अदा कर रहे थे। टोलो न्यूज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि रॉकेट तब उतरे जब उन्होंने ईद की नमाज शुरू की। सूत्रों ने पुष्टि की है कि रॉकेट काबुल के जिला 18 के परवान-ए-से इलाके से दागे गए थे। बता दें कि इस हमले के पीछ तालिबान का हाथ बताया जा रहा है।

 

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