कोरोना कहर: WHO ने चेताया- अभी महामारी खत्म नहीं हुई है, बिना तैयारी प्रतिबंधों में छूट देना तबाही को बुलावा

कोरोना कहर: WHO ने चेताया- अभी महामारी खत्म नहीं हुई है, बिना तैयारी प्रतिबंधों में छूट देना तबाही को बुलावा

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-01 05:31 GMT
कोरोना कहर: WHO ने चेताया- अभी महामारी खत्म नहीं हुई है, बिना तैयारी प्रतिबंधों में छूट देना तबाही को बुलावा
हाईलाइट
  • किसी भी देश का बर्ताव ऐसा नहीं होना चाहिए जैसे महामारी खत्म हो गई है-WHO
  • बिना किसी तैयारी के चीजों को खोलना तबाही को आमंत्रित करने जैसा-WHO

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूरी दुनिया में बीते आठ महीनों से लोग कोविड-19 महामारी की मार झेल रहे हैं। सुरक्षित रहने के लिए लोग कड़े लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों में भी रहे, लेकिन अब लोगों की परेशानी और बिगड़ती अर्थव्यवस्थाओं को देखते हुए कई देशों ने स्थिति को फिर से सामान्य करने की पहल कर दी है। लॉकडाउन समेत लगभग सभी तरह के प्रतिबंधों को हटाकर स्कूल, कॉलेज, ऑफिस से लेकर हर एक चीज को खोलने की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं। हालांकि इससे लोग राहत की सांस ले रहे हैं, लेकिन कोरोना का कहर अब भी उतना ही बरकरार है। इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी यह चेताया है कि, हालातों को सामान्य करने की ओर बढ़ना ठीक है मगर अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में बिना तैयारी और सावधानी के प्रतिबंधों में ढील देना तबाही को बुलावा देने जैसा हो सकता है। 

देश ऐसा बर्ताव न करें जैसे महामारी खत्म हो गई हो- WHO
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक ट्रेडोस अधानोम घेब्रेसस ने सोमवार को जेनेवा में एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, वह भी बच्चों को विद्यालयों में लौटते हुए, लोगों को काम पर वापस जाते हुए देखना चाहते हैं, लेकिन इसी के साथ किसी भी देश का बर्ताव ऐसा नहीं होना चाहिए जैसे महामारी खत्म हो गई हो। उन्होंने कहा, अगर कोई देश स्थिति को सामान्य करने की दिशा में वाकई गंभीर है तो उन्हें वायरस के संचरण (Transmission) पर रोक लगाना होगा और जिंदगियां बचानी होंगी। ट्रेडोस ने कहा, बिना किसी नियंत्रण के चीजों को खोलना तबाही को आमंत्रित करने जैसा है।

कोरोना पर काबू पाने के लिए इन चीजों पर जोर 
WHO के महानिदेशक ने चार ऐसी महत्वपूर्ण चीजों पर जोर दिया जिन्हें करने की आवश्यकता है- बड़े पैमाने पर आयोजित किए जाने वाले समारोहों पर रोक, लोगों द्वारा अपनी जिम्मेदारी को निभाया जाना, संक्रामक व्यक्ति का पता लगाने के लिए सरकार द्वारा उचित कदम उठाना, उन्हें ढूंढ़कर आइसोलेट करना, जांच करना, देखभाल करना और साथ ही किसी के संक्रमित होने की दिशा में नजर रखना।

100 से अधिक देशों में सर्वेक्षण से हुआ ये खुलासा
इस बीच, डब्ल्यूएचओ द्वारा 100 से अधिक देशों में एक सर्वेक्षण किया गया जिसमें से 90 फीसदी राष्ट्रों में देखा गया कि इस महामारी के दौरान वहां के लोगों ने स्वास्थ्य सेवाओं में व्यवधान का अनुभव किया है। ट्रेडोस ने कहा, इस सर्वेक्षण के मुताबिक, कम और मध्यम आय स्तर वाले देशों के लोग इससे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।

सर्वेक्षण से यह भी पता चला है कि, आवश्यक सेवाओं के लिए 70 प्रतिशत तक सेवाएं बाधित हुई हैं जिनमें नियमित टीकाकरण, गैर-संचारी रोगों के लिए उपचार, परिवार नियोजन और गर्भनिरोधक, मानसिक स्वास्थ्य विकारों का निदान और कैंसर शामिल रहे हैं। सिर्फ 14 प्रतिशत देश ही ऐसे रहे हैं जहां उपयोगकर्ता शुल्क या यूजर फीस में छूट दी गई, जिसके लिए सुझाव संगठन पहले ही दे चुका है ताकि लोगों को आर्थिक रूप से जिस नुकसान का सामना करना पड़ा है, उसकी भरपाई हो सके। उन्होंने यह भी बताया, डब्ल्यूएचओ देशों के साथ मिलकर उन्हें अपना सहयोग देना जारी रखेगा ताकि वे अपने यहां आवश्यक सेवाएं बरकरार रख सकें।

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