लद्दाख में भारत के साथ विवाद के बीच चीनी राष्ट्रपति का आदेश, किसी भी सेकेंड कार्रवाई करने के लिए तैयार रहे सेना

लद्दाख में भारत के साथ विवाद के बीच चीनी राष्ट्रपति का आदेश, किसी भी सेकेंड कार्रवाई करने के लिए तैयार रहे सेना

Bhaskar Hindi
Update: 2021-01-05 13:52 GMT
लद्दाख में भारत के साथ विवाद के बीच चीनी राष्ट्रपति का आदेश, किसी भी सेकेंड कार्रवाई करने के लिए तैयार रहे सेना

डिजिटल डेस्क, बीजिंग। भारत के साथ लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चले रहे विवाद के बीच चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सोमवार को अपने देश की सेना को "किसी भी सेकेंड" कार्रवाई के लिए तैयार रहने का आदेश दिया। उन्होंने इस दौरान "फुल टाइन कॉम्बेट रेडिनेस" पर जोर दिया। उन्होंने सेना से हर वक्त तैयार रहने के लिए अपनी ट्रेनिंग को बढ़ाएं जाने के लिए भी कहा।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (CMC) के अपने पहले आदेश में, जिनपिंग ने रियल कॉम्बेट कंडीशन्स में मिलिट्री ट्रेनिंग को मजबूत करने और जीतने की क्षमता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, 1 जुलाई को पार्टी की 100वीं वर्षगांठ को मार्क करने के लिए  "एक्सीलेंट परफॉर्मेंस" के साथ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की सैन्य ताकत के रूप में पीएलए सीएमसी और सीपीसी के आदेशों को पूरी तरह लागू करे।  उन्होंने अभ्यासों में टेक्नॉलजी का इस्तेमाल बढ़ाने और हाईटेकक नॉलेज बढ़ाने की सलाह दी।

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें कंप्यूटर सिम्यूलेशन और ऑनलाइन कॉम्बैट ड्रिल्स के साथ साथ हाई टेक और इंटरनेट के इस्तेमाल शामिल है, जिन्हें टेक+ और वेब+ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा, पीएलए को ट्रेनिंग और युद्ध प्रक्रियाओं में नए उपकरणों, नई ताकतों और नए युद्ध क्षेत्रों का एकीकरण बढ़ाना चाहिए।

बता दें कि 2012 के आखिर में सेंट्रल मिलिट्री कमिशन का चेयरमैन बनने के बाद से ही शी जिनपिंग लगातार पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को युद्ध के लिए तैयार होने का आह्वान करते रहे हैं। उन्होंने साल 2015 से ही पीएलए में बड़ा परिवर्तन करते हुए चीनी सेना को आधुनिकीकरण की दिशा में काम शुरू किया था और इसे 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा था।

चीनी राष्ट्रपति की तरफ वहां की सेना को यह ऐसे वक्त पर आदेश दिया गया है जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद के चलते तनाव की स्थिति बनी हुई है। मई के महीने से ही भारत-चीन के बीच तनाव बरकरार है। अब तक कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर वार्ता हो चुकी है। लेकिन, तनाव को कम करने की दिशा में अब तक कोई खास कामयाबी हाथ नहीं लगी है।

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