जिम्बाब्वे में सेना ने किया तख्तापलट, राष्ट्रपति मुगाबे नजरबंद

जिम्बाब्वे में सेना ने किया तख्तापलट, राष्ट्रपति मुगाबे नजरबंद

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-15 14:04 GMT
जिम्बाब्वे में सेना ने किया तख्तापलट, राष्ट्रपति मुगाबे नजरबंद

डिजिटल डेस्क, हरारे। जिम्बाब्वे में बुधवार को सेना ने तख्तापलट कर शासन अपने हाथ में ले लिया है। अफ्रीकी देश में यह तख्तापलट बिना खून-खराबे के हुआ है। तख्तापलट के साथ ही जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे को नजरबंद कर दिया गया है। हालांकि सेना तख्तापलट से इनकार कर रही है। सेना इस घटनाक्रम को रक्तहीन सुधार का नाम दे रही है। सेना का कहना है कि यह कार्रवाई अपराधियों को निशाना बनाने के लिए की गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हरारे की सड़कों पर जिम्बाब्वे की सेना टैंकों के साथ उतर आई है। सेना द्वारा संसद और न्यायालय की ओर जाने वाले रास्तों को ब्लॉक कर दिया गया है। राजधानी हरारे में पुलिस अधिकारियों के हथियार छीन लिए गए हैं। सरकारी और प्राइवेट चैनलों को भी नियंत्रण में ले लिया गया है। सेना समर्थित लोगों का कहना है कि यह बिना किसी खून-खराबे के शासन व्यवस्था में सुधार का कदम है। सरकार इस घटनाक्रम के लिए सेना पर विश्वासघाती बर्ताव करने का आरोप लगा रही है। वहीं अधिकतर लोग सेना के इस कदम की सराहना कर रहे है।

जिम्बाब्वे में राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए अमेरिका, ब्रिटेन समेत कुछ देशों ने वहां रह रहे अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इन देशों ने अपने नागरिकों को फिलहाल बाहर निकलने से मना किया है। उन्हें घरों और होटलों में ही रहने को कहा गया है। उधर दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा ने जिम्बाब्वे सरकार और सेना से आपसी मतभेदों को शांतिपूर्वक ढंग से सुलझाने को कहा है।

सरकारी न्यूज चैनल जेबीसी ब्रॉडकास्टर पर सैन्य नियंत्रण के बाद मेजर जनरल एसबी मोयो ने देश के नागरिकों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने बताया कि सेना ने सरकार पर कब्जा नहीं किया है, यह महज शासन व्यवस्था में सुधार लाने के लिए सेना द्वारा उठाया गया कदम है। उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रपति मुगाबे और उनकी पत्नी बिल्कुल सुरक्षित हैं।

बता दें कि 1980 में ब्रिटेन से आजादी के बाद से जिम्बाब्वे में मुगाबे सत्ता पर काबिज हैं। इतने सालों में राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे और सेना के बीच यह पहली तकरार दिखाई दी है। कुछ दिन पहले राष्ट्रपति मुगाबे ने उप राष्ट्रपति को बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद जनरल चिवेंगा ने चेतावनी दी थी कि सरकार में चल रही उथल-पुथल को खत्म करने के लिए सेना बड़ा कदम उठा सकती है।

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