आसनसोल हिंसा का मुआयना करने जाएंगे 4 BJP नेता, शाह ने किया कमेटी का गठन

आसनसोल हिंसा का मुआयना करने जाएंगे 4 BJP नेता, शाह ने किया कमेटी का गठन

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-30 12:02 GMT
आसनसोल हिंसा का मुआयना करने जाएंगे 4 BJP नेता, शाह ने किया कमेटी का गठन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने आसनसोल हिंसा का जायजा लेने के लिए 4 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी के सदस्य पश्चिम बंगाल के आसनसोल में जाकर हिंसा प्रभावी क्षेत्रों का जायजा लेंगे और साथ ही दंगा पीड़ितों से मिलकर उनकी स्थिति को समझने का प्रयास करेंगे। दंगों की जांच के लिए बनाई गई इस कमेटी के सदस्य मुआयने के बाद अमित शाह को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।  इस कमेटी में BJP के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन (प्रवक्ता), ओम माथुर, बीडी राय और रूपा गांगुली का नाम शमिल किया गया है। अमित शाह ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर दी। बता दें कि आसनसोल में रामनवमी के अवसर पर निकली रैली के दौरान रविवार और सोमवार को सांप्रदायिक हिंसा हुई थी।

राज्यपाल के जाने पर भी लगी रोक 
शुक्रवार को अमित शाह के अधिकारिक ट्विटर अकाउंट ‘ऑफिस ऑफ अमित शाह’ से ट्वीट किया गया, "अमित शाह ने 4 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जिन्हें आसनसोल भेजा जाएगा। यह टीम हिंसाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर के बाद में उसकी रिपोर्ट जमा करेगी।" इस ट्वीट के साथ एक प्रेस नोट भी साझा किया गया था। इससे पहले, बीजेपी ने राज्य में हिंसा की घटनाओं को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोला था और तृणमूल सुप्रीमो पर आरोप लगाया था कि वह ऐसे समय राजनीति कर रही हैं जब कि उनका राज्य जल रहा है। हालात के मद्देनजर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी के आसनसोल जाने पर रोक लगा दी गई थी।

हिंसा में हुई थी बच्चों समेत 3 की मौत 
आसनसोल में हुई हिंसा के दौरान तीन लोगों कि मौत हो गई थी और साथ ही इसमें तीन दर्जन से अधिक लोगों घायल भी हो गए थे। पथराव में एक 6 साल की मासूम की मौत हो गई थी। हिंसा के दौरान आसनसोल के रानीगंज इलाके की स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई थी। जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने हस्तक्षेप करते हुए जुलूस को बीच में ही रोक देने का ऐलान कर दिया था। हिंसा फैलने के बाद राज्य में जिस तरह की परिस्थिति बनी है उस पूरे मुद्दे पर केंद्र को ओर से रिपोर्ट तलब की गई थी। इसके अलावा केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से कहा था कि अगर उन्हें पैरामिलिट्री फोर्स की जरूरत है, तो वह मुहैया करा सकती है। हिंसा के दौरान पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई थी। 

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