उम्र की बेड़ियां तोड़कर 98 की उम्र में हासिल की MA की डिग्री

उम्र की बेड़ियां तोड़कर 98 की उम्र में हासिल की MA की डिग्री

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-27 04:45 GMT
उम्र की बेड़ियां तोड़कर 98 की उम्र में हासिल की MA की डिग्री

डिजिटल डेस्क, पटना। "तालीमें नहीं दी जाती परिंदों को वो खुद ही तय करते है ऊंचाई आसमानों की, जो रखते है हौसला आसमान छूने का वो परवाह नहीं करते जमीन पे गिर जाने की। यह लाइन 98 वर्ष के राजकुमार वैश्य पर बिल्कुल सटीक बैठती है। जिस उम्र में लोग अपने अंतिम समय का इंतजार कर रहे होते हैं। उस उम्र में राजकुमार ने M.A की डिग्री हासिल कर देश के हर युवा के सामने एक उदाहरण पेश किया है। उम्र के इस पड़ाव पर भी उन्होंने न सिर्फ 2 साल की पढ़ाई पूरी की, बल्कि पेपर देने के लिए मिलने वाली विशेष सुविधाओं को भी लेने से इनकार कर दिया था। 

M.A इकोनॉमिक्स में ली डिग्री

मंगलवार को नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में राजकुमार को M.A की डिग्री दी गई। राजकुमार ने अपनी M.A इकोनॉमिक्स में पूरी की है। गौरतलब है कि उन्होंने इसी साल सितंबर में हुई परीक्षा सेकेंड डिविजन से पास की थी। जब दीक्षांत समारोह में राजकुमार अपनी डिग्री लेने पहुंचे तो वहां मौजूद लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। डिग्री लेने के बाद वैश्य ने कहा, "किसी भी इच्छा को पूरा करने में उम्र कभी आड़े नहीं आती। मैंने अपना सपना पूरा कर लिया है। अब मैं पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने दो साल पहले यह तय किया था कि इस उम्र में भी कोई अपना सपना पूरा कर सकता है।" उन्होंने युवाओं को संघर्ष कर जीत हासिल करने की सलाह देते हुए कहा कि नई पीढ़ी को जिंदगी में हमेशा कोशिश करते रहना चाहिए। 

राजकुमार का जन्म अप्रैल 1920 में यूपी के बरेली में हुआ था। उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा 1934 में पास की और 1938 में बीए की शिक्षा पूरी की। इसके बाद लॉ की पढाई पूरी कर बिहार में एक कंपनी में नौकरी करने लगे। राजकुमार रिटायरमेंट के बाद अपने बच्चों के साथ पटना के राजेंद्र नगर के रोड नंबर-5 में रहने लगे। आप सभी को जानकर हैरानी होगी कि उनके बेटे और बहू भी पटना यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के पद से रिटायर हो चुके हैं। 

पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती

अब कहते हैं ना बुढ़ापे में इंसान बच्चा हो जाता है बस ऐसा ही कुछ राजकुमार के साथ भी हुआ। वृद्धावस्था में अचानक राजकुमार को पढ़ने का बुखार चढ़ गया और 96 की उम्र में उन्होंने इकोनॉमिक्स सब्जेक्ट से M.A करने की सोची। फिर क्या था उन्होंने पटना के नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले लिया। जिसके बाद 2017 में 98 वर्ष की उम्र में 50 फीसदी अंकों के साथ उन्होंने M.A पास कर एक नया रिकॉर्ड बना डाला।

परिवार के सदस्यों को है अपने मुखिया पर गर्व

प्रोफेसर के पद से रिटायर हो चुकीं राजकुमार की बहू भारती एस कुमार ने कहा, "हम इस सफलता से काफी खुश हैं। बाबूजी ने 2 साल तक काफी मेहनत की, टीवी तक देखना बंद कर दिया और लगातार अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया। इस उम्र में इतनी एकाग्रता युवाओं के लिए एक प्रेरणा है"।

राजकुमार ने देश की युवा पीढ़ी को कहा, "जब मैं इस उम्र में पढ़ सकता हूं तो उन्हें भी अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। मैंने रोज 5 घंटे पढ़ाई कर यह मुकाम पाया है"।


अब भी हैं पठन-पाठन में सक्रिय

98 वर्षीय राजकुमार वैश्य अब भी पठन-पाठन से जुड़े हैं। वह अभी इकोनॉमिक्स पर किताब लिख रहे हैं। राजकुमार के मुताबिक वह अपनी किताब के माध्यम से गरीबी कम करने के उपाय बताने की कोशिश कर रहे हैं।                                                                        

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