अखाड़ा परिषद ने अपनी दूसरी लिस्ट में इन फर्जी बाबाओं को किया शामिल

अखाड़ा परिषद ने अपनी दूसरी लिस्ट में इन फर्जी बाबाओं को किया शामिल

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-29 12:13 GMT
अखाड़ा परिषद ने अपनी दूसरी लिस्ट में इन फर्जी बाबाओं को किया शामिल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने शुक्रवार को एक और फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी की है। अपनी इस दूसरी लिस्ट में अखाड़ा परिषद ने दिल्ली के वीरेन्द्र दीक्षित कालनेमी, बस्ती के सचिदानंद सरस्वती और इलाहाबाद की त्रिकाल भवंता के नाम शामिल किये हैं। राजस्थान अलवर के फलाहारी बाबा को भी अखाड़ा परिषद ने निलम्बित करने का फैसला किया है। इसके साथ ही अखाड़ा परिषद ने एक दर्जन से ज्यादा फर्जी बाबाओं की तीसरी सूची भी जल्द जारी करने के संकेत दिए हैं।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की शुक्रवार को बाघम्बरी मठ में हुई बैठक में फर्जी बाबाओं की दूसरी सूची जारी की गई। परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी 13 अखाड़ों के प्रमुख शामिल हुए। बैठक के बाद महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि लोगों को फर्जी बाबाओं से सचेत रहने की जरूरत है। इसलिए समय-समय पर ऐसे बाबाओं की लिस्ट अखाड़ा परिषद निकालता रहेगा। उन्होंने कहा, "साधु, संत, सन्यासी परंपरा, उदासीन परंपरा, नाथ परंपरा, वैष्णव संप्रदाय, शिव संप्रदाय आदि से आते हैं लेकिन फर्जी बाबाओं की कोई परंपरा या संप्रदाय नहीं होता है। हम श्रद्धालुओं से अपील करते हैं कि वे ऐसे बाबाओं से सतर्क रहे जो किसी परंपरा या संप्रदाय से नहीं हैं।"

इस अहम बैठक में जनवरी 2019 में प्रयाग में होने वाले कुम्भ मेले की तैयारियों को लेकर भी साधु सन्तों ने विचार विमर्श किया। इसमें कुम्भ की तैयारियों, ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य को माघ मेले में जमीन दिए जाने और प्रयाग राज मेला प्राधिकरण के ऊपर साधु सन्तों की निगरानी कमेटी गठित करने समेत कुल सात प्रस्तावों को हरी झंडी दिखाई गई।

बता दें कि इससे पहले साधु-संतों की गरिमा को नष्ट करने वाले 14 फर्जी बाबाओं की पहली सूची अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने इसी साल 10 सितम्बर को जारी की थी। इसमें आशाराम बापू, गुरमीत राम रहीम, सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां, सच्चिदानंद गिरि, ओमबाबा उर्फ विवेकानंद झा, निर्मल बाबा, इच्छाधारी भीमानंद उर्फ शिवमूर्ति द्विवेदी, स्वामी असीमानंद, ओम नम: शिवाय बाबा, नारायण साई, रामपाल, कुश मुनि, मलखान गिरि और बृहस्पति गिरि शामिल थे।

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