बदनीयत से लाए गए महाभियोग प्रस्ताव का फेल होना तय था : जेटली

बदनीयत से लाए गए महाभियोग प्रस्ताव का फेल होना तय था : जेटली

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-24 15:18 GMT
बदनीयत से लाए गए महाभियोग प्रस्ताव का फेल होना तय था : जेटली

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा स्पीकर वेंकैया नायडू सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए महाभियोग प्रस्ताव को ठुकरा चुके हैं। विपक्षी दल नायडू के इस फैसले पर जहां सुप्रीम कोर्ट में जाने की बात कर रहे हैं, वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को इस पूरे मुद्दे पर अपनी बात रखी है। उन्होंने इस महाभियोग प्रस्ताव को बदनीयत से दाखिल किया गया प्रस्ताव बताते हुए कहा है कि इसका फेल होना तय था।

जेटली ने पोस्ट में कही ये बातें :

  • महाभियोग प्रस्ताव अपुष्ट आधारों पर रखा गया था। अफवाहों और आशंकाओं को सबूत नहीं माना जा सकता है।
  • इस प्रस्ताव का उद्देश्य मुख्य न्यायाधीश व दूसरे जजों को डराना था। इस प्रस्ताव का मकसद भारतीय न्यायपालिका को नीचा दिखाना भी था।
  • मौजूदा महाभियोग प्रस्ताव अविश्वासों और आशंकाओं से भरा हुआ था। कांग्रेस पार्टी जजों को अनचाहे विवादों में घसीटकर उन्हें विवादित बनाने में सक्षम है। 
  • कांग्रेस जानती थी कि संसद में इस महाभियोग प्रस्ताव को दो-तिहाई बहुमत नहीं मिलेगा, फिर भी अपने उद्देश्य साधने के लिए वह प्रस्ताव लाई।
  • राज्यसभा चेयरमैन के आदेश को कांग्रेस अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कर रही है, जबकि कांग्रेस पार्टी जानती है कि संसद अपने कामकाज के मामले में सर्वोच्च निकाय है, संसद की प्रक्रिया को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती है।

बता दें कि CJI दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर 7 राजनीतिक दलों के 71 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। इनमें से 7 रिटायर हो चुके हैं। वेकैया नायडू द्वारा इस प्रस्ताव को खारिज किए जाने के बाद कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है। हालांकि विपक्षी दलों का इस मामले में एकमत नहीं होने की बात सामने आ  रही है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों ने इस साल जनवरी में देश के इतिहास में पहली बार चीफ जस्टिस पर सवाल खड़े किए थे। इन जजों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरह से काम नहीं कर रहा है और यदि ऐसा ही चलता रहा, तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। जजों द्वारा उठाए गए इन मुद्दों पर जमकर बवाल मचा था। तमाम विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर केन्द्र सरकार की खिंचाई की थी। उस समय सीपीएम महासचिव सीतराम येचुरी ने विपक्षी दलों के साथ मिलकर जस्टिस मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की बात कही थी।

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