नागरिक संहिता के विरोध में आज असम बंद, विरोध में मूलनिवासी

नागरिक संहिता के विरोध में आज असम बंद, विरोध में मूलनिवासी

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-11 04:28 GMT
नागरिक संहिता के विरोध में आज असम बंद, विरोध में मूलनिवासी
हाईलाइट
  • 70 संगठन कर रहे हैं विधेयक का विरोध
  • कृषक मुक्ति संग्राम समिति कर रहा है प्रदर्शन की अगुवाई
  • बुधवार को लोकसभा में पास हो चुका है नागरिकता विधेयक

डिजिटल डेस्क, दिसपुर। असम में लागू किए जा रहे नागरिकता (संसोधन) विधेयक के खिलाफ शुक्रवार को राज्य में बंद का ऐलान किया गया है। दरअसल, लोकसभा में बुधवार को नागरिकता संसोधन बिल पारित कर दिया गया है, जिसके मुताबिक 31 दिससंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक अत्याचार के कारण भागकर आए गैर मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता दे दी जाएगी। 


लोकसभा में बिल पास होने के विरोध में असम के लोग सड़कों पर उतर आए हैं। उनका कहना है कि ये विधेयक असम के लोगों के अस्तित्व के लिए खतरा है। उन्होंने चेतावनी भी दी है कि प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों को असम में प्रवेश करने से रोका जाएगा। आंदोलन की अगुवाई कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) कर रहा है, जिसका साथ 70 संगठन दे रहे हैं। 


असम के लोगों का कहना है कि वो मूल निवासियों के अधिकारियों की रक्षा करेंगे। गुरुवार को प्रदर्शन कर रहे लोगों ने जय आई असम (असम माता की जय) के नारे लगाए थे और जहग-जगह सड़कों पर प्रदर्शन किया था। इस दौरान कई छात्रों ने अपनी कक्षाओं का बहिष्कार कर राजधानी दिसपुर तक विरोध मार्च निकालने का प्रयास किया था, हालांकि सुरक्षाबलों ने उन्हें तितर-बितर कर दिया था। 


केएमएसएस चीफ अखिल गोगोई ने विधेयक को सांप्रदायिक और दमनकारी बताया है। उन्होंने कहा कि इससे भारत की धर्मनिरपेक्षता पर सवाल खड़ा होगा। उन्होंने कहा कि बिल पास होने की दशा में तकरीबन 19 करोड़ बांग्लादेशी असम आ जाएंगे, जिसे मूल निवासियों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।

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