मप्र की सियासत में ऑडियो-वीडियो और पुलिस नए किरदार

मप्र की सियासत में ऑडियो-वीडियो और पुलिस नए किरदार

IANS News
Update: 2020-06-17 09:01 GMT
मप्र की सियासत में ऑडियो-वीडियो और पुलिस नए किरदार

भोपाल, 17 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में आगामी समय में होने वाले 24 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की तैयारियां जारी है मगर इस बार के चुनाव आम आदमी से जुड़े मुद्दों की बजाय किसी और मुद्दों पर लड़े जाने वाले हैं इसकी झलक अभी से मिलने लगी है। सियासत में ऑडियो-वीडियो के साथ पुलिस बड़ी किरदार बनती जा रही है।

राज्य में पिछले कुछ दिनों से ऑडियो और वीडियो लगातार वायरल हो रहे हैं पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का वह ऑडियो और वीडियो वायरल हुआ जिसमें वह इंदौर के सांवेर के कार्यकर्ताओं से चर्चा के दौरान कह रहे हैं कि कमलनाथ की सरकार केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर गिराई गई। इस ऑडियो के आने के बाद कांग्रेस हमलावर हुई।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कथित ऑडियो-वीडियो पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तो यहां तक कह दिया, मैं तो शुरू दिन से ही कह रहा था कि भाजपा ने मेरी बहुमत व जनादेश प्राप्त सरकार को जानबूझकर साजिश-षड्यंत्र व प्रलोभन का खेल रच गिराया है क्योंकि मेरी सरकार किसानो का कर्ज माफ कर रही थी, युवाओं को रोजगार दे रही थी , महिलाओं को सुरक्षा देकर उनके सम्मान की रक्षा कर रही थी,अब तो इस बात की पुष्टि भी हो गयी और सच्चाई भी प्रदेश की जनता के सामने आ गई कि मेरी सरकार को गिराने के लिये किस तरह की साजिश व खेल रचा गया और उसमें कौन- कौन शामिल था।

इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक वीडियो वायरल हुआ। इस वीडियो को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया। इस वीडियो को कथित तौर पर काट-छांट कर तैयार किया गया था जिस पर भाजपा की ओर से अपराध शाखा में शिकायत दर्ज कराई गई और दिग्विजय सिंह सहित रीट्वीट करने वाले लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तंज कसा और उन्हें इंटरनेशनल झूठ बोलने वाला करार देते हुए कहा, दिग्विजय सिंह इंटरनेशनल झूठे है, ऐसा झूठ बोलने वाला व्यक्ति हमने नहीं देखा। कमल नाथ की सरकार के दौरान पत्रकार वार्ता में शराब नीति का विरोध किया था, उस बयान का कुछ हिस्सा को काटकर चार सौ बीसी की है।

भाजपा द्वारा मामला दर्ज कराए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी शिवराज सिंह चौहान द्वारा बीते साल ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो ट्वीट किए जाने को लेकर थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे। यह ट्वीट कांग्रेस नेता राहुल गांधी से जुड़ा हुआ है, जिसमें आलू और सोने की बात है।

दिग्विजय सिंह का कहना है कि जिस आधार पर पुलिस ने उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है उसी आधार पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने भी एक वीडियो को अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया था।

इसके अलावा भी कई ऑडियो और वीडियो लगातार वायरल हो रहे हैं और इनके जरिए कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे पर निशाने साधने में लगी है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राज्य की सियासत में आगामी समय में होने वाले विधानसभा के उपचुनाव में आम आदमी से जुड़े मुद्दे तो हावी रहेंगे ही साथ में ऑडियो-वीडियो से हमले भी कम नहीं होंगे, एडिटेड ऑडियो-वीडियो भी वायरल होंगे। इस तरह के मामले पुलिस तक भी पहुंचेंगे। इस तरह राज्य की राजनीति में ऑडियो-वीडियो के साथ पुलिस बड़ी भूमिका में होगी।

राजनीतिक विश्लेषक संतोष गौतम का कहना है कि, इस बार के उपचुनाव राज्य की सत्ता के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है, इसलिए दोनों ही दल जीत के लिए वह सारे रास्ते अपनाएंगे जो उन्हें जरूरी लगते हैं। वह समाज में उचित भले ही न माने जाते हो। पिछले चुनाव में जो सियासी हथियार नहीं बने वह इस चुनाव में बनें तो अचरज नहीं होना चाहिए।

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