सावधान: चेन्नई में रखा है 697 टन अमोनियम नाइट्रेट, बेरूत को इस केमीकल ने 12 सेकंड में बना दिया दिया था खंडहर 

सावधान: चेन्नई में रखा है 697 टन अमोनियम नाइट्रेट, बेरूत को इस केमीकल ने 12 सेकंड में बना दिया दिया था खंडहर 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-07 21:10 GMT

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। लेबनान की राजधानी बेरूत शहर को जिस केमीकल ने 12 सेकंड में खंडहर बना दिया था, वहीं केमीकल चेन्नई के बंदरगाह पर भी भारी मात्रा में रखा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चेन्नई सीपोर्ट कस्टम में वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि यहां मनाली में करीब 697 टन अमोनियम नाइट्रेट एक कंटेनर फ्रेट स्टेशन में रखा है। जानकारी के अनुसार अमोनियम नाइट्रेट की इस खेप को साल 2015 में सलेम की एक कंपनी से जब्त किया था, जिसने इसका आयात किया था। 

बता दें कि चार अगस्त की शाम को लेबनान की राजधानी बेरूत में ऐसा विस्फोट हुआ जिसने पूरे शहर को खंडहर में तब्दील कर दिया। यह धमाका बंदरगाह पर स्थित एक गोदाम में आग लगने की वजह से हुआ जहां साल 2013 से करीब 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट असुरक्षित तरीके से रखा था। इस धमाके में 150 से ज्यादा लोगों की जान गई है, वहीं 5 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

कस्‍टम अधिकारी ने बताया कि साल 2015 में इस विस्‍फोटक ग्रेड के अमोनियम नाइट्रेट को तमिलनाडु के एक इंपोर्टर से जब्‍त किया गया था। इसकी कीमत लगभग 1.8 करोड़ रुपए के आसपास है। इस इंपोर्टर ने इसे फर्टिलाइजर के इस्‍तेमाल के लिए बताया था, लेकिन जांच में इसे विस्‍फोटक स्‍तर का पाया गया। चेन्‍नै के कस्‍टम अधिकारियों ने कहा है कि चेन्‍नै के बंदरगाह में स्‍टोर लगभग 697 टन अमोनियम नाइट्रेट को लेकर डरने की जरूरत नहीं है। 

साउथ कोरिया से आया था 
अधिकारियों का कहना है कि साउथ कोरिया से आयात किया गया अमोनियम नाइट्रेट का भंडार फिलहाल सुरक्षित है और इसके ई-ऑक्‍शन की प्रक्रिया चल रही है। नवंबर 2015 में 697 टन विस्‍फोटक जब्‍त किया गया था इसके बाद दिसंबर 2015 की बाढ़ में इसमें से 7 टन बेकार हो गया। अभी 690 टन बाकी है। इसी की नीलामी की कोशिशें की जा रही हैं।

48 घंटे के अंदर मांगी केमीकल भंडारण की रिपोर्ट
दूसरी ओर तमिलनाडु पुलिस ने इस संबंध में एक अलर्ट भी जारी किया है। इसमें कहा गया है कि यह अमोनियम नाइट्रेट रसायन 37 कंटेनर में रखा गया है। इसके साथ ही खुफिया अधिकारियों को इस संबंध में तत्काल फैसले लेने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही सीमा शुल्क बोर्ड ने एन्नोर, तूतीकोरिन और कराईकाल समेत देश के सभी बंदरगाहों और गोदामों को 48 घंटे के अंदर अगर उनके पास विस्फोटकों का भंडार है तो उसकी जानकारी देने के लिए कहा है। 

बेरूत धमाके के बाद पीएमके ने जताई थी चिंता
इस घटना के बाद ही पीएमके के संस्‍थापक एस रामदॉस ने राज्‍य सरकार से अनुरोध किया था कि चेन्‍नै बंदरगाह में रखे अमोनियम नाइट्रेट को सुरक्षित तरीके से ठिकाने लगा दिया जाए ताकि बेरूत जैसी किसी भी घटना से बचा जा सके। 

क्या है अमोनियम नाइट्रेट
बताया जा रहा है कि गोदाम में रखे अमोनियम नाइट्रेट में आग लगने की वजह से विस्फोट हुआ है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर यह अमोनियम नाइट्रेट क्या है, जिसने एक पूरे शहर को खंडहर में तब्दील कर दिया। अमोनियम नाइट्रेट एक गंधहीन रसायनिक पदार्थ है, जिसका उपयोग कई कामों में होता है। सामान्यत इसे दो कार्यों में सर्वाधिक उपयोग किया जाता है। पहला, खेती के लिए बनने वाले उर्वरक में और दूसरा निर्माण या खनन कार्यों में विस्फोटक के तौर पर।

फर्टिलाइजर इंडस्ट्री पिछले 80 साल से अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल कर रही हैं। सामान्य वातावरण में ये रसायन स्थिर होता है, लेकिन 40 डिग्री से ज्यादा के तापमान में इसके फटने का खतरा हो जाता है। इस तरह का हादसा 1947 में हुआ था। तब एक जहाज करीब 2300 टन अमोनियम नाइट्रेट लेकर अमेरिका के टेक्सस जा रहा था। जहाज पर आग लगी जो केमिकल तक जा पहुंची। इसके असर से समंदर में 15 फीट ऊंची लहरे उठीं। इस हादसे में पांच सौ लोग मारे गए थे। इसके बाद इस केमीकल को लेकर कई तरह की गाइडलाइन्स भी बनीं, लेकिन अब भी हादसे होते हैं। 

अमोनियम नाइट्रेट और इसकी वजह से हुईं दुर्घटनाएं
1995 में अमेरिका के ओक्लाहोमा में भीषण बम विस्फोट हुआ था। इन धमाकों के लिए बम में अमोनियम नाइट्रेट का उपयोग किया गया था।
2001 में फ्रांस के टुलूज के एक रसायनियक कारखाने में धमाका हुआ था जिसमें 31 लोग मारे गए थे।
2013 में अमेरिका के ही टेक्सस राज्य में एक उर्वरक कारखाने में धमाका हुआ था जिसमें 15 लोगों की मौत हुई थी।
2004 में इस केमिकल को लेकर जा रही ईरानी मालगाड़ी में धमाका हुआ, जिससे समूचा गांव खत्म हो गया। इसके बाद 2015 में चीन के तियांचिंग में भी ऐसा ही एक विस्फोट हुआ था, जिसके कारण आग लग गई। आग इतनी जबदस्त थी कि बुझाने आए दमकलकर्मियों में से 104 की झुलसकर मौत हो गई। इस घटना के पीछे 800 टन अमोनियम नाइट्रेट जिम्मेदार था।

234 किलोमीटर दूर सुनाई दी धमाके की आवाज
4 अगस्त 2020 को बेरूत पोर्ट पर हुए हादसे का जिम्मेदार 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट था। यह विस्फोट इतना जबदस्त था कि बेरूत से 234 किलोमीटर दूर मौजूद साइप्रस देश में न केवल भूकंप के झटके महसूस किए गए, बल्कि लोगों को इस ब्लास्ट की आवाज भी सुनाई दी। विस्फोट इतना भीषण था कि बेरूत का 10 किलोमीटर का इलाका पूरी तरह से तबाह हो गया है। रेडक्रॉस टीम का कहना है कि हर तरफ क्षतिग्रस्त वाहनों और इमारतों का मलबा पड़ा हुआ है। धमाके के बाद जो तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया और विभिन्न समाचार एजेंसियों पर जारी हुए उनमें न केवल धुएं के गुब्बार दिख रहे हैं, बल्कि कई किलोमीटर तक तबाही के मंजर भी देखे जा सकते हैं।

 


 

Tags:    

Similar News