आयकर विभाग का बड़ा एक्शन, जब्त की 3500 करोड़ की बेनामी संपत्तियां

आयकर विभाग का बड़ा एक्शन, जब्त की 3500 करोड़ की बेनामी संपत्तियां

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-12 04:35 GMT
आयकर विभाग का बड़ा एक्शन, जब्त की 3500 करोड़ की बेनामी संपत्तियां

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इनकम टैक्ट विभाग ने 3,500 करोड़ रुपए से ज्यादा मूल्य की 900 से अधिक बेनामी संपत्तियों तो जब्त किया है। इनमें फ्लैट, दुकानें, आभूषण और वाहन इत्यादि शामिल हैं। आयकर विभाग ने एक बयान में कहा कि उसने बेनामी संपत्ति लेन-देन रोकथाम कानून के तहत यह कार्रवाई तेज कर दी है। काले धन के खिलाफ इनकम टैक्‍स विभाग की यह बड़ी कार्रवाई है। यह कानून एक नवंबर 2016 से प्रभावी हुआ है। 
 

 

 

3,500 करोड़ रुपए से अधिक जब्त संपत्तियों का मूल्य 


इनकम टैक्‍स विभाग ने कहा कि जब्त की गई संपत्तियों का मूल्य 3,500 करोड़ रुपए से अधिक है, जिसमें 2,900 करोड़ रुपए से अधिक की अचल संपत्तियां शामिल हैं। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने गुरुवार को कहा है कि इनकम टैक्स अथॉरिटीज ने फ्लैट्स, शॉप्स, ज्वैलरी और गाड़ियों समेत 900 बेनामी प्रॉपर्टीज को अटैच किया है। बोर्ड ने एक बयान में यह भी कहा है कि उसने प्रोहिबिशन ऑफ बेनामी प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शंस ऐक्ट के तहत ऐसी संपत्तियों को कब्जे में लेने के कदम तेज कर दिए हैं। 


 

 

 

 

7 साल की जेल का प्रावधान

आपको बता दें कि इस कानून के तहत पहले चल-अचल किसी किस्म की बेनामी संपत्तियों को तत्कास कुर्क करने और पक्के तौर पर जब्त करने की कार्रवाई के प्रावधान हैं। इसके अलावा इसके तहत ऐसी सम्पत्तियों का वास्तविक लाभ लेने वाले स्वामी, बेनामी संपत्ति धारक और बेनामी संपत्ति के लिए लेन-देन करने वालों के खिलाफ अभियोग चलाया जा सकता है। वहीं इन मामलों में आरोप सिद्ध हो जाने पर 7 साल तक की कैद और प्रॉपर्टी की फेयर मार्केट वैल्यू का 25 प्रतिशत तक हिस्सा वसूलने का प्रावधान है। 

 

 

 

24 बेनामी रोकथाम इकाइयां गठित

जानकारी के अनुसार, आयकर विभाग ने मई 2017 में देशभर में अपने अन्वेषण निदेशालय के तहत 24 खास बेनामी रोकथाम इकाइयां गठित की हैं, जिससे इस कानून का अनुपालन आसान किया जा सके। इस बयान में कहा गया है, ‘‘विभाग के सघन प्रयासों के चलते 900 से अधिक संपत्तियों की अस्थायी जब्ती की गई है। इस एक्ट के जरिए ऐसी संपत्ति के मालिक, बेनामीदार और बेनामी ट्रांजैक्शंस के लिए उकसाने वालों पर मुकदमे की इजाजत देता है। 
 

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