बिहार : कांग्रेस चुनाव से पहले जातीय समीकरण दुरुस्त करने में जुटी

बिहार : कांग्रेस चुनाव से पहले जातीय समीकरण दुरुस्त करने में जुटी

IANS News
Update: 2020-07-30 10:00 GMT
बिहार : कांग्रेस चुनाव से पहले जातीय समीकरण दुरुस्त करने में जुटी
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  • बिहार : कांग्रेस चुनाव से पहले जातीय समीकरण दुरुस्त करने में जुटी

पटना, 30 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार में इस साल होने वाले संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर लगभग सभी पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है। इस बीच, पार्टी के अंदर ही पिछड़े समुदाय की उपेक्षा करने का आरोप झेल रही कांग्रेस अब जातीय सीमकरण दुरुस्त करने में जुटी है।

कांग्रेस ने दो दिन पूर्व जिला अध्यक्षों के मनोनयन के जरिए जातीय समीकरण को मजबूत करने के संदेश देने की कोशिश की है। कांग्रेस ने दो दिन पूर्व भागलपुर जिले में अध्यक्ष के रूप में परवेज आलम को मनोनीत कर जहां मुस्ल्मि मतदाताओं को खुश करने की कोशश की है, वहीं इसी जिले में कार्यकारी अध्यक्ष के पद पर अभयानंद झा और विपिन बिहारी यादव को मनोनीत कर सवर्ण और पिछड़ा कार्ड भी खेला है।

इसी तरह शेखपुरा जिले की जिम्मेदारी जहां सुंदर सहनी को दिया गया है, वहीं पटना नगर का नेतृत्व शशिरंजन यादव को सौंप दिया गया है। इसके अलावा, कांग्रेस ने भोजपुर जिला में कार्यकारी अध्यक्ष श्रीधर तिवारी को बनाया है, जबकि नवादा जिला का अध्यक्ष सतीश कुमार को और कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी बंगाली पासवान को दिया गया है।

कांग्रेस के एक नेता भी इसे स्वीकार करते हुए नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहते हैं, कांग्रेस ने इन सात नेताओं के मनोनयन के जरिए में जहां सवर्ण और मुस्लिम समुदाय को साधने की कोशिश की है, वहीं पार्टी के अंदर ही पिछड़ा समुदाय की उपेक्षा करने के आरोप में उठ रहे बगावती आवाजों को भी शांत करने के प्रयास में जुट गई है।

इन सात मनोनीत नेताओं में से चार पहले युवक कांग्रेस में रह चुके हैं।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे कैलाश पाल ने पिछले दिनों कांग्रेस के चुनाव अभियान समिति की बैठक में कई वरिष्ठ नेताओं के सामने पार्टी में पिछड़ों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद चुनाव अभियान समिति के प्रमुख और राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह को भी सामने आना पड़ा था और तब उन्होंने कहा था कि कांग्रेस सभी समुदायों का सम्मान करती है और आगे भी ख्याल रखेगी।

इधर, कांग्रेस के कैलाश पाल ने जिले के अध्यक्षों के मनोनयन में सभी समुदायों को तरजीह देने पर संतोष प्रकट करते हुए कहा कि यह एक अच्छी पहल है। उन्होंने कहा, यह एक अच्छी शुरुआत है। हमलोग कांग्रेस में और क्या चाहते हैं। हमलोग तो यही चाहते हैं कि पार्टी में सामाजिक न्याय बनी रहे।

पार्टी से नाराजगी दूर होने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी लड़ाई जारी है।

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