सिंधिया पर गहरा होता भाजपा का रंग

सिंधिया पर गहरा होता भाजपा का रंग

IANS News
Update: 2020-08-26 07:30 GMT
सिंधिया पर गहरा होता भाजपा का रंग

भोपाल 26 अगस्त (आईएएनएस)। कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर अब भाजपा का रंग धीरे-धीरे गहराने लगा है। एक तरफ जहां उनकी पार्टी में पैठ बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दी हैं।

सिंधिया ने लगभग पांच माह पहले कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली थी, इतना ही नहीं सिंधिया के साथ 22 तत्कालीन विधायकों ने कांग्रेस छोड़ी तो कमलनाथ सरकार गिर गई। सिंधिया भाजपा की ओर से राज्यसभा में निर्वाचित भी हो चुके हैं और उनकी पार्टी के भीतर सक्रियता भी बढ़ रही है।

ग्वालियर में भाजपा के तीन दिवसीय सदस्यता अभियान में सिंधिया ने अपनी ताकत का भी प्रदर्शन किया और ग्वालियर-चंबल अंचल के 76 हजार से अधिक कांग्रेस से जुड़े कार्यकर्ताओं को भाजपा की सदस्यता भी दिलाई। सिंधिया पर कांग्रेस की ओर से किए जाने वाले किसी भी हमले के बचाव में पूरी भाजपा उनके साथ खड़ी नजर आने लगी है। यही कारण है कि कांग्रेस सिंधिया और उनके साथ पार्टी छोड़ कर गए लोगों को गद्दार कह रही है, तो भाजपा उनके बचाव में खड़ी है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंधिया का बचाव करते हुए कहा कि कांग्रेस में सच बोलने वालों की कोई कीमत नहीं है, वहां तो तलवे चाटने वालों को वफादार कहा जाता है।

एक तरफ जहां भाजपा का संगठन और राज्य सरकार सिंधिया के साथ है, वहीं सिंधिया ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी नजदीकी बढ़ाना शुरू कर दी है। इसी क्रम में सिंधिया बीते रोज नागपुर पहुंचे और उन्होंने सरसंघचालक डॉक्टर मोहन भागवत से मुलाकात की। इस मुलाकात को आगामी समय के सियासी रणनीतिक तौर पर भाजपा के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

स्ांघ के पदाधिकारी का कहना है कि सिंधिया परिवार से संघ का पुराना नाता है, ज्येातिरादित्य सिंधिया उसी परिवार से है। सिंधिया भले ही कांग्रेस में रहे हों मगर उन्होंने संघ के मुद्दों का खुलकर समर्थन किया है। इसलिए सिंधिया का संघ कार्यालय जाना और संघ प्रमुख से मिलना कोई बड़ी बात नहीं है।

वरिष्ठ पत्रकार शिव अनुराग पटैरिया का कहना है कि सिंधिया का संघ कार्यालय जाना और संघ प्रमुख से मिलना दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है। संघ भाजपा का विचार प्रमुख है। वहीं उसका एक सिरा महाराष्ट से जुड़ा है, सिंधिया भी मराठा राज परिवार से नाता रखते हैं। वहीं सिंधिया की यह मुलाकात सियासी रणनीति का एक बड़ा हिस्सा भी है।

एसएनपी-एसकेपी

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