बुराड़ी केस में नया खुलासा, रजिस्टर में लिखा था- अगली दीवाली नहीं देख सकेंगे

बुराड़ी केस में नया खुलासा, रजिस्टर में लिखा था- अगली दीवाली नहीं देख सकेंगे

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-11 03:30 GMT
बुराड़ी केस में नया खुलासा, रजिस्टर में लिखा था- अगली दीवाली नहीं देख सकेंगे
हाईलाइट
  • दिल्ली के बुराड़ी में 11 लोगों की मौत का मामला।
  • रजिस्टर में भटकती आत्माओं का भी जिक्र।
  • रजिस्टर से नया खुलासा। लिखा था- अगली दीवाली नहीं देख सकेगा परिवार।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत के मामले में नए रजिस्टर से नया खुलासा हुआ है। हत्या और आत्महत्या के बीच उलझी मौत की मिस्ट्री तांत्रिक क्रियाओं और मोक्ष के लिए खुदकुशी में अटक गई है। मृतकों के घर से बरामद किए गए रजिस्टर ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। इसमें लिखा है कि परिवार अगली दीवाली नहीं देख सकेगा।
 

रजिस्टर में भटकती आत्माओं का जिक्र   

दिल्ली पुलिस के मुताबिक घर से बरामद हुए एक रजिस्टर में भटकती आत्माओं का जिक्र है। रजिस्टर में लिखा था कि परिवार के लोग अगली दीवाली नहीं देख सकेंगे। रजिस्टर में 11 नवंबर 2017 की तारीख में ललित ने परिवार के कुछ हासिल करने में विफल रहने के लिए किसी की गलती का जिक्र किया है। रजिस्टर में लिखा है, धनतेरस आकर चली गई। किसी की पुरानी गलती की वजह से कुछ प्राप्ति से दूर हो। अगली दीवाली न मना सको। चेतावनी को नजर अंदाज करने की बजाय गौर किया करो।

 

ललित के पिता लिखवाते थे नोट्स

पुलिस ने बताया, मृतकों में से एक ललित सिंह चुंडावत के शरीर में कथित तौर पर उसके पिता की आत्मा आती थी, जिसके बाद वह अपने पिता की तरह हरकतें करने लगता था। उसके पिता नोट्स लिखवाया करते थे। रजिस्टर में ललित के पिता के साथ चार और आत्माओं के होने की बात सामने आई है।

 

पांच आत्माओं को दिलाना चाहते थे मोक्ष

रजिस्टर में लिखा है, ललित के पिता अपने अलावा चार और आत्माओं को मोक्ष दिलाना चाहते थे। क्राइम ब्रांच ने जब रजिस्टर में लिखे चारो आत्माओं के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला आत्माओं के जो नाम रजिस्टर में लिखे हैं, वो नाम ललित के परिवार के लोगों के ही नाम हैं, जिनकी कुछ साल पहले मौत हो चुकी है।

 

2015 में लिखे गए नोट्स

19 जुलाई 2015 को लिखे गए नोट्स में ललित के पिता और चार आत्माओं का जिक्र है। रजिस्टर मे लिखा है, अपनी सुधार की गति बढ़ा दो। मैं तुम्हारा धन्यवाद करता हूं कि तुम भटक जाते हो लेकिन फिर एक दूसरे की बात मानकर एक छत के नीचे मेल मिलाप कर लेते हो। चार आत्माएं मेरे साथ भटक रही हैं। अगर तुम अपने में सुधार करोगे तो उन्हें भी गति मिलेगी। तुम तो ये सोचते होंगे कि हरिद्वार जाकर सब कुछ कर आएं तो गति मिल जाएगी।

 

चार आत्माएं ललित के पिता की सहयोगी

सज्जन सिंह, हीरा, दयानंद और गंगा देवी ये सभी मेरे सहयोगी बने हुए हैं। ये लोग भी चाहते हैं कि तुम सब सही कर्म करके अपना जीवन सफल बनाओ। अगर हमारे नियमित काम पूरे हो जाएंगे तो हम अपने वास को लौट जाएंगे। सज्जन सिंह, टीना के पिता, यानी ललित के ससुर हैं। हीरा प्रियंका के पिता हैं। दयानंद और गंगा देवी ये दोनों ललित की बड़ी बहन सुजाता के सास ससुर हैं। 

 

एक घर में मिले थे 11 लोगों के शव

गौरतलब है कि बुराड़ी इलाके के एक घर में एक ही परिवार के 11 लोग फांसी के फंदे पर लटके मिले थे। सभी के हाथ और आंख में पट्टियां बंधी हुई थीं। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।

 

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